सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा को लेकर अपडेटेड स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। मणिपुर सरकार से यह रिपोर्ट दस जुलाई तक मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार से पूछा है कि राज्य में हालात सामान्य करने के लिए उसकी ओर से क्या कदम उठाए जा रहे हैं। कितने राहत कैंप बनाए गए हैं, अब तक कितने हथियार बरामद किए गए हैं? सुप्रीम कोर्ट मणिपुर में हुई हिंसा को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था। दायर याचिका में आदिवासियों की सुरक्षा सेना से कराने की मांग की है। कोर्ट ने कहा है कि अब इस मामले पर अगली सुनवाई दस जुलाई को होगी।
मणिपुर में बंद नहीं हो रही हिंसा
सुप्रीम कोर्ट में हुई पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने बताया था कि 70 आदिवासियों की हत्या हो चुकी है। सरकार राज्य में चल रही हिंसा को रोकने में नाकाम रही है, जबकि सरकार की ओर से अदालत को भरोसा दिया गया था कि वो सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखेगी। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले भी मणिपुर के हालात पर स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी। याचिकाकर्ता के वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने कोर्ट को बताया कि मणिपुर में हिंसा में कोई कमी नहीं हो रही। अब तक 110 लोग मारे जा चुके हैं।उन्होंने कहा कि मैंने कोर्ट में एक आवेदन दाखिल किया है जिसमें ताजा हालात स्पष्ट है। सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि अब प्रभावित जिलों में कर्फ्यू भी कुछ घंटे के लिए ही लगता है। उन्होंने कहा कि स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। राज्य में सुरक्षा और शांति लाने के लिए सीआरपीएफ और सेना की 114 कंपनियां तैनात हैं और राहत शिविर भी बनाएं गए हैं।
ताजा हिंसा में चार लोगों की हत्या
मणिपुर में 3 मई से शुरू हुआ हिंसा का दौर अब तक जारी है। कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसा की खबरें अब भी आ रही हैं। ताजा हिंसा इंफाल से लगभग 70 किमी दक्षिण-पूर्व में रविवार की रात होने की सूचना है। रात भर चली गोलीबारी में कम से कम पांच लोगों के घायल होने की सूचना है। इससे पहले रविवार सुबह बिष्णुपुर-चुराचांदपुर बार्डर पर फिर से दोनों समुदायों के लोग भिड़ गए थे। इस हिंसा में तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई और चौथे का सिर काट दिया गया।इस बीच मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कुंबी विधानसभा सीट के अंतर्गत घटनास्थल का दौरा किया है। उन्होंने स्थानीय लोगों को पूरी सुरक्षा देने का वादा किया है।
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