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गुजरात दंगों के मामले में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी और केंद्र सरकार विपक्ष पर हमलावर हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुत धैर्य के साथ लंबी लड़ाई लड़ी और आज चमकते सूरज की तरह सच सबके सामने आ गया है।
शाह ने सवाल पूछा कि बीजेपी पर दंगों के आरोप लगाने वाले राजनीतिक दलों के शासन में क्या दंगे नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का इतिहास उठाकर देख लें। उन्होंने कहा कि झूठ के खिलाफ लड़ाई लड़ना बेहद जरूरी होता है।
अमित शाह ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में यह बातें कहीं। बीजेपी के कई और नेताओं ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विपक्ष पर हमला बोला है।
बता दें कि गुजरात में हुए दंगों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट देने की एसआईटी की रिपोर्ट को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को खारिज कर दिया था। कांग्रेस के नेता एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
गुजरात में साल 2002 में दंगे हुए थे और दंगों की जांच के लिए बनी एसआईटी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दी थी। उस वक्त नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। प्रधानमंत्री मोदी के साथ ही 63 अन्य लोगों को भी दंगों में भूमिका के लिए एसआईटी की ओर से क्लीन चिट दी गई थी।
शाह ने कहा कि गोधरा में ट्रेन को जलाए जाने के बाद गुजरात में दंगे शुरू हुए और बीजेपी के अलावा किसी भी अन्य दल ने 60 लोगों की मौत की घटना की निंदा तक नहीं की।
शाह ने कहा कि गुजरात दंगों के मामले में जो एसआईटी बनी थी वह सुप्रीम कोर्ट ने बनाई थी, अफसरों का चयन भी सुप्रीम कोर्ट ने किया था। गुजरात से ही आने वाले शाह ने कहा कि गुजरात दंगों की जांच के लिए बनी एसआईटी पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं था क्योंकि यह मामला पूरी तरह अदालत की निगरानी में था।
अमित शाह ने बिना नाम लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी पूछताछ हुई थी लेकिन तब किसी ने धरना प्रदर्शन नहीं किया था। मोदी के बेहद करीबी माने जाने वाले शाह ने कहा कि वह खुद भी गिरफ्तार हुए थे लेकिन उन्होंने कानून का पूरा सहयोग किया था।
बीते दिनों नेशनल हेराल्ड मामले में जब राहुल गांधी की ईडी के सामने पेशी हुई थी तो कांग्रेस ने दिल्ली सहित देश के तमाम बड़े शहरों में जोरदार प्रदर्शन किया था।
शाह ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई की एडिटर स्मिता प्रकाश के एक सवाल के जवाब में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह तक कहा है कि इस मामले में याचिकाकर्ता जाकिया जाफरी किसी और के निर्देशन पर काम करती थीं।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बहुत बदनामी झेलते हुए देखा, प्रधानमंत्री मोदी पर झूठे आरोप लगाए गए लेकिन उन्होंने धैर्य बनाए रखा।
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे अमित शाह ने कहा कि यूपीए सरकार ने इस मामले में एक दूसरी याचिकाकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ की पूरी मदद की थी और ऐसा सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए किया गया।
अमित शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि गुजरात की तत्कालीन राज्य सरकार ने दंगा रोकने की भरसक कोशिश की और सही समय पर सही कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि देश में राजनीतिक आरोप लगाने की सभी को पूरी स्वतंत्रता है।
शाह ने कहा कि जिन भी लोगों ने गुजरात दंगों के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाए थे उन लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी से मांगी माफी मांगनी चाहिए।
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