सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार से कहा है कि वह इस बात को सुनिश्चित करे कि कोरोना वायरस की जांच मुफ़्त में हो सके। वर्तमान में, प्राइवेट लैब कोरोना वायरस के एक मामले की जांच के लिये 4500 रुपये ले रही हैं।
जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. रविंद्र भट की बेंच ने सरकार से कहा कि वह ऐसा तंत्र बनाये जिससे प्राइवेट लैब को उनके द्वारा किये गये टेस्ट के लिये भुगतान किया जा सके और लोगों को पैसे न देने पड़ें। जस्टिस भूषण ने केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि प्राइवेट लैब को ज़्यादा पैसे वसूलने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।
इस मामले में अधिवक्ता शशांक देव सुधि की ओर से शीर्ष अदालत में याचिका दायर की गई थी। इसमें कहा गया था कि आम लोगों के लिये सरकारी लैब में कोरोना वायरस की जांच कराना मुश्किल हो गया है और इस वजह से उन पर आर्थिक बोझ पड़ रहा है। याचिका में कहा गया था कि लोग प्राइवेट लैब का सहारा लेने के लिये मजबूर हैं।
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