साउथ दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) ने अपने इलाके में अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाने की योजना तैयार की है। लेकिन इसमें जिन इलाकों को चुना गया है, उनमें अधिकांश मुस्लिम इलाके या मुस्लिम बस्तियां हैं। यह एक तरह का रणनीतिक अतिक्रमण विरोधी अभियान है। नगर निगम इन इलाकों में बुलडोजर भेजेगी। दिल्ली में जल्द ही एमसीडी चुनाव होने वाले हैं। एमसीडी पर बीजेपी का ही कब्जा है। वो इसे खोना नहीं चाहती, जबकि आम आदमी पार्टी उसे एमसीडी में भी चुनौती देने की तैयारी कर रही है। दिल्ली में एमसीडी चुनाव को भी हिन्दू-मुस्लिम ध्रुवीकरण की तर्ज पर लड़ने की योजना बीजेपी बनाती हुई दिखाई दे रही है। हाल ही में जहांगीरपुरी में जब साम्प्रदायिक हिंसा की घटनाएं हुईं तो अगले दिन नॉर्थ एमसीडी ने वहां बुलडोजर भेजकर अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया। कुछ मुस्लिमों की दुकानों और एक मस्जिद को निशाना बनाया गया, वहां सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप कर उस अभियान को रुकवाया।एसएमसीडी के मेयर मुकेश सूर्यन ने सोमवार को कहा कि सरकार की जमीन पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ निगम जल्द कार्रवाई करेगा। सूर्यन ने कहा कि शहर के विभिन्न हिस्सों से अतिक्रमण हटाने की कार्ययोजना बनाई गई है और जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
शाहीन बाग और ओखला में अतिक्रमण विरोधी अभियान के बारे में पूछे जाने पर, सूर्यन ने कहा,“सिर्फ शाहीन बाग और ओखला ही नहीं, हमने अतिक्रमण विरोधी अभियान के लिए कई वार्डों की पहचान की है। तिलक नगर वेस्ट जोन में विष्णु गार्डन एक ऐसा क्षेत्र है जहां रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया है और कई अवैध गतिविधियां होती हैं। इसलिए हमने उन जगहों की भी पहचान कर ली है।उन्होंने बताया कि शाहीन बाग भी उन इलाकों में से एक है जहां सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है।
ओखला में भी अधिकतर सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण किया गया है। इसी तरह के मामले मदनपुर खादर, जसोला विहार, सरिता विहार और संगम विहार में देखे गए हैं। इसलिए, हमने इन सभी क्षेत्रों की पहचान कर ली है।
उन्होंने आगे कहा कि अतिक्रमण विरोधी अभियान के लिए हर माह महीने भर चलने वाली योजना का शेड्यूल पुलिस को भेजा गया है। हम नियमित कार्यक्रमों के तहत अतिक्रमण को खाली करने की योजना बना रहे हैं, लेकिन दिल्ली पुलिस की जिम्मेदारी क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने की है। पुलिस को यह सुनिश्चित करना होगा कि फिर से अतिक्रमण न हो। यह पूछे जाने पर कि क्या उन लोगों को नोटिस दिया गया है जिनके खिलाफ अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया जाएगा, सूर्यन ने कहा, लोगों को एमसीडी अधिनियम के तहत अतिक्रमण हटाने के लिए कभी नोटिस नहीं दिया जाता है। लेकिन जिन जगहों पर लोगों ने अवैध रूप से भवनों का निर्माण किया है या अवैध रूप से कार्यालय बनाए हैं, उन्हें पहले ही नोटिस दिया जा चुका है। वे नोटिस को नजरअंदाज कर सकते हैं, लेकिन हमारे पास उन्हें रिकॉर्ड में रखा गया है। हम नोटिस के अनुसार कार्रवाई करेंगे।
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