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पराली जलाने की घटनाएँ पंजाब में 35%, हरियाणा में 21% कम हुईं: मंत्री

दिल्ली में प्रदूषण को लेकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच जुबानी जंग के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दावा किया है कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है। हालाँकि, इन दोनों राज्यों के साथ ही यूपी में भी पराली जलाए जाने की ख़बरें आ रही हैं और आप दिल्ली में प्रदूषण के लिए अन्य कारणों के साथ ही पराली को भी बड़ा ज़िम्मेदार मानती है। 

दिवाली से पहले ही दिल्ली-एनसीआर में हवा बेहद जहरीली हो चुकी है। सुबह से ही दिल्ली, नोएडा-ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद समेत कई इलाकों में धुएं की चादर देखने को मिली। केंद्रीय प्रदूषण एवं नियंत्रण बोर्ड के अनुसार दिल्ली में रविवार सुबह 7:30 बजे तक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 352 रहा। दिल्ली एनसीआर के शहर फरीदाबाद में 216, गुरुग्राम में 233 गाज़ियाबाद में 375, ग्रेटर नोएडा में 346 और नोएडा में 320 अंक रहा। दिल्ली के चार इलाकों में एक्यूआई लेवल 400 के ऊपर पहुंच गया जिसमें आनंद विहार में 405, जहांगीरपुरी में 408, नेहरू नगर में 405, विवेक विहार में 403 अंक रहा। बता दें कि स्वस्थ शरीर के लिए 50 एक्यूआई ठीक माना जाता है।

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वैसे, इस तरह के प्रदूषण की संभावना के मद्देनज़र सरकार ने पहले ही निर्माण कार्यों, फैक्ट्रियों को बंद करने जैसे फ़ैसले लिए हैं। इसके साथ ही पराली जलाने की घटनाओं पर भी सख्ती बरती जा रही है। ऐसी ही घटनाओं को लेकर  केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दावा किया कि पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है। 

उन्होंने कहा कि 2017 की तुलना में पराली जलाने की घटनाओं में 51 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है। दिल्ली में वायु प्रदूषण के प्रमुख कारणों में से एक पराली जलाने पर एक बैठक आयोजित करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए चौहान ने शनिवार को कहा कि पिछले साल की तुलना में पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 35 प्रतिशत और हरियाणा में 21 प्रतिशत की कमी आई है। 

उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान राज्यों के प्रतिनिधियों ने कहा कि वे स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं और उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का पालन कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पराली जलाने पर रोक न लगाने के लिए पंजाब और हरियाणा की खिंचाई की थी और दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में हवा की गुणवत्ता खराब होने के बीच पर्यावरण संरक्षण अधिनियम को 'बेकार' बनाने के लिए केंद्र की खिंचाई की थी।
इस बीच कृषि मंत्री ने कहा है, 'पराली जलाने के खिलाफ जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। केंद्र और संबंधित राज्य सरकारें इस अभियान को और अधिक प्रभावी ढंग से चलाने के लिए कदम उठाएंगी।'
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उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले साल पराली प्रबंधन के लिए सब्सिडी पर 3 लाख से अधिक मशीनें दी थीं। कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार मिशन मोड में बायो-डीकंपोजर को बढ़ावा देने की कोशिश करेगी। चौहान ने कहा कि त्योहारों के दौरान भारी मात्रा में पटाखे फोड़ने से पर्यावरण पर बहुत बुरा असर पड़ता है। बैठक में इस प्रथा को कम करने के क़दमों पर भी चर्चा की गई।

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क़मर वहीद नक़वी
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