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शाहीन बाग़: मध्यस्थों ने सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंपी, अब अगली सुनवाई 26 को

शाहीन बाग़ के प्रदर्शन और सड़क के बाधित होने के मामले को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त मध्यस्थों ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंप दी। इसके साथ ही कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 26 फ़रवरी की तारीख़ तय की है। माना जा रहा था कि सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में आज कुछ फ़ैसला आएगा लेकिन कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट को देखने के बाद अब इस पर सुनवाई होगी। 

शाहीन बाग़ में प्रदर्शन और सड़क को बंद किए जाने के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिकाएँ डाली गई हैं। इसमें कहा गया है कि सड़क पर बैरिकेड लगाने से आसपास के लोगों को परेशानियाँ हो रही हैं। इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की जा रही है। इस सुनवाई के बीच ही सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग़ में प्रदर्शन करने वालों से बातचीत के लिए मध्यस्थों की नियुक्ति की है। 

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सड़क जाम होने पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और वकील साधना रामचंद्रन को शाहीन बाग़ भेजा था। हालाँकि कई दिनों की बातचीत के बावजूद कोई नतीजा नहीं निकला है।

मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस एस के कौल और के एम जोसफ़ की बेंच ने कहा कि मध्यस्थों द्वारा दी गई रिपोर्ट को फ़िलहाल न तो याचिकाकर्ताओं और न ही केंद्र सरकार के वकील और दिल्ली पुलिस के साथ साझा किया जाएगा। 

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बता दें कि इस सुनवाई से पहले पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त यानी सीआईसी वजाहत हबीबुल्ला ने हलफ़नामा देकर कहा है कि प्रदर्शन को कहीं और शिफ़्ट नहीं किया जाए। उन्होंने इसके पक्ष में कई तर्क दिए हैं। उन्होंने कहा है कि नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ शाहीन बाग़ में प्रदर्शन करने वालों को जबरन दूसरी जगह शिफ़्ट करने का कोई भी प्रयास उनकी सुरक्षा के लिए ख़तरा होगा। उन्होंने कहा है कि उस क्षेत्र में जो ट्रैफ़िक जाम की स्थिति है वह पुलिस द्वारा अनावश्यक रूप से उन सड़कों पर भी बैरिकेडिंग कर देने के कारण है जो शाहीन बाग़ प्रदर्शन से जुड़े नहीं हैं।
अब जबकि वार्ताकारों की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को मिल गई है तो इस रिपोर्ट के साथ ही शाहीन बाग़ में प्रदर्शन की स्थिति और पूर्व सीआईसी वजाहत हबीबुल्ला के हलफनामे पर भी ग़ौर करेगी। हबुबुल्ला ने अपनी रिपोर्ट में कई सवाल खड़े किए हैं। लेकिन अब देखना है कि सुप्रीम कोर्ट क्या फ़ैसला देता है। 
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क़मर वहीद नक़वी
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