सीबीआई के नए निदेशक के चुनाव के लिए चयन समिति की बैठक 24 जनवरी को होगी। कुछ दिन पहले समिति ने सीबीआई के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा को उनके पद से हटा दिया था। वर्मा ने इसके विरोध में पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। समिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हैं।
मंगलवार को ही मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीवीसी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की अपील की थी। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा था कि चयन समिति की बैठक की जानकारी भी सार्वजनिक की जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जस्टिस पटनायक को सीबीआई मामले की पूरी रिपोर्ट बनाने की ज़िम्मेदारी सौंपी थी।
पद से हटाए जाने के बाद पूर्व निदेशक आलोक वर्मा ने कहा था कि उन्होंने संस्थान की विश्वसनीयता बचाए रखने की भरपूर कोशिश की, लेकिन कुछ लोग इसे बर्बाद करने पर तुले हुए थे।
जस्टिस ए. के. पटनायक के उस बयान के बाद हंगामा खड़ा हो गया था जिसमें उन्होंने कहा था कि सीवीसी ने जो रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी थी, उससे वह सहमत नहीं थे। वर्मा की जगह नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक नियुक्त किया गया था।
पर्यवेक्षकों का मानना है कि यह बैठक इसलिए भी अहम है कि सरकार अपनी पसंद के किसी आदमी को इस पद पर बैठाना चाहेगा। लेकिन उसी तरह विपक्ष उसे टालने की कोशिश भी करेगा। कांग्रेस ने बीते दिनों सरकार पर यह आरोप लगाया था कि वह सीबीाई के अहम पदों पर अपने लोगों को इसलिए बैठाना चाहती है ताकि सत्ता से हटने के बाद उसकी अब तक की गड़बड़ियों की जाँच न हो। सीबीआई निदेशक को लेकर इतना विवाद हुआ है कि पूरी संस्था की साख पर बट्टा लगा है। ऐसे में नए निदेशक के सामने सीबीआई की साख को फिर से बहाल करना वाकई एक चुनौती होगी।
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