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सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत का आदेश, रिहा हुए पवन खेड़ा

दिल्ली की एक कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद पवन खेड़ा रिहा हो गए। रिहाई के बाद पवन खेड़ा ने कहा कि अवैध तरीक़े से उन्हें गिरफ़्तार किया गया था और देश और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा। द्वारका कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मद्देनजर 30 हजार रुपये के मुचलके पर अंतरिम जमानत दी। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें मंगलवार तक के लिए अंतरिम ज़मानत देने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने असम और उत्तर प्रदेश पुलिस को पवन खेड़ा के ख़िलाफ़ दर्ज सभी एफ़आईआर को एक साथ करने के लिए नोटिस भी जारी किया। प्रधानमंत्री मोदी पर विवादित टिप्पणी को लेकर दर्ज एफ़आईआर के मामले में असम पुलिस ने पवन खेड़ा को आज ही गिरफ्तार किया है। असम पुलिस उन्हें स्थानीय अदालत में पेश करने वाली थी, लेकिन इससे पहले ही इस मामले को लेकर कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट में पहुँच गयी। 

इस मामले में सुनवाई के दौरान कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी दलीलें रखीं। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच के सामने कांग्रेस की ओर से पेश अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह तीन अलग-अलग राज्यों का जानबूझकर किया गया उत्पीड़न है। सिंघवी ने कहा कि पवन खेड़ा की जुबान फिसल गई थी और उन्होंने अपने बयान का कभी बचाव नहीं किया, बल्कि माफी मांगी। सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा, 'हम आपकी रक्षा कर रहे हैं, लेकिन कुछ स्तर का संवाद होना चाहिए।'

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पवन खेड़ा की गिरफ़्तारी के तुरंत बाद ही कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। गिरफ्तार पार्टी नेता पवन खेड़ा के ख़िलाफ़ देश भर में दर्ज सभी मामलों को एक करने की मांग को लेकर कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उनकी पार्टी के सहयोगी एएम सिंघवी ने आज भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के समक्ष मामले का उल्लेख किया।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि खेड़ा को सुनवाई की अगली तारीख़, अगले मंगलवार तक दिल्ली में न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने पर अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाए। अदालत ने आदेश में खेड़ा के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा दिए गए वचन को भी दर्ज किया कि वह बयान के लिए बिना शर्त माफी मांगेंगे।

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ वरिष्ठ अधिवक्ता सिंघवी द्वारा दोपहर 2 बजे मामले का उल्लेख करने के बाद मामले की सुनवाई के लिए विशेष रूप से दोपहर 3 बजे जुटी।

कई प्राथमिकी पर चिंता व्यक्त करते हुए सिंघवी ने कहा कि वह उन्हें एक साथ करने के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। वरिष्ठ वकील ने कहा, 'उन्हें दिल्ली हवाई अड्डे पर असम पुलिस द्वारा ले जाने की मांग की जा रही है। हम सबको एक साथ करने के लिए कह रहे हैं। पूरे देश में वे ये प्राथमिकी दर्ज कर रहे हैं।' 

सिंघवी ने यह भी कहा कि खेड़ा ने बाद में ट्विटर पर स्पष्ट किया कि उन्होंने पीएम मोदी के बारे में बयान के संबंध में एक वास्तविक गलती की है। गिरफ्तारी से पहले पुलिस द्वारा सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई थी।

उन्होंने कहा कि यदि आप एक राजनीतिक बयान के खिलाफ 153ए, 153बी और 295ए का इस्तेमाल करते हैं, तो यह ग़लत है। 

भारत की अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि गिरफ्तारी दर्ज की गई है और उन्हें मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने की कार्यवाही चल रही है। एएसजी ने कहा कि पवन खेड़ा को संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत सीधे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के बजाय सीआरपीसी के तहत उपलब्ध सामान्य उपायों का सहारा लेना चाहिए। एएसजी ने सिंघवी की इस बात का भी विरोध किया कि बयान गलती से हुआ और अदालत को वीडियो दिखाने की पेशकश की। एएसजी ने कहा, 'वीडियो देखना होगा। फिर हम देखेंगे कि क्या यह गलती थी। यह वीडियो में व्यवहार है जो मायने रखता है। हम अब वीडियो दिखाएंगे।'

असम पुलिस पवन खेड़ा को गिरफ़्तार कर दिल्ली एयरपोर्ट से ले गई है और वह उन्हें दिल्ली की एक अदालत में पेश करेगी और इसके बाद ट्रांजिट रिमांड पर उन्हें असम लेकर जाएगी। इसी बीच यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँचा। 

sc agrees to hear congress plea against pawan khera arrest - Satya Hindi

कांग्रेस ने कहा है कि पवन खेड़ा को सुबह दिल्ली से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर जाने से रोक दिया गया। कांग्रेस नेता रायपुर में होने वाले पार्टी के प्लेनरी सेशन में भाग लेने जा रहे थे। उनको विमान से उतारा गया। इस बीच बड़ी संख्या में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया और विमान के बगल में ही उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया। एयरपोर्ट पर असम पुलिस पहुँची। पवन खेड़ा के ख़िलाफ़ असम में एफ़आईआर दर्ज की गई है। इसी मामले में उनको गिरफ्तार किया गया। 

पवन खेड़ा के ख़िलाफ़ यह कार्रवाई तब की गई जब उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के ख़िलाफ़ दो दिन पहले ही कथित तौर पर आपत्तिजनक बयान दिया था।

बता दें कि पवन खेड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा था, 'हम स्पष्ट बात कर रहे हैं जेपीसी। हम कह रहे हैं कि संसद में आप चर्चा से क्यों भागते हो। हम कह रहे हैं कि जेपीसी की मांग से आप क्यों डरते हो। जब नरसिम्हा राव जेपीसी बना सकते थे, जब अटल बिहारी वाजपेयी जेपीसी बैठा सकते थे। तो नरेंद्र गौतम दास, सॉरी दामोदर दास मोदी को क्या प्रॉब्लम है।' यहाँ पर लगता है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूरा नाम भूल गए होते हैं और इसी क्रम में वह पूछते हैं कि गौतम दास हैं या दामोदर दास, साथ में बैठे शख्स ने कहा कि दामोदर दास तो उन्होंने भी आगे दामोदर दास कहा था। इसके बाद कुछ देर रुककर खेड़ा ने कहा था कि नाम दामोदरदास है, काम गौतम दास है और इसके बाद पवन खेड़ा हंसने लगे थे।

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इसके बाद पवन खेड़ा के बयान पर बीजेपी ने आपत्ति की और उनके ख़िलाफ़ जबरदस्त अभियान चलाया गया। इस बीच उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर भी दर्ज की गई। असम में ऐसी ही एफ़आईआर दर्ज की गई है। इसी को लेकर आज असम पुलिस पवन खेड़ा को गिरफ़्तार करने पहुँची थी। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बीजेपी एमएलसी मुकेश शर्मा ने पवन खेड़ा के ख़िलाफ़ मुक़दमा हजरतगंज कोतवाली में दर्ज कराया था।
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क़मर वहीद नक़वी
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