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केंद्र ने सम्मेद शिखरजी में पर्यटन गतिविधियों पर लगाई रोक

जैन समुदाय के जोरदार प्रदर्शन के बाद केंद्र सरकार ने झारखंड में स्थित जैन समुदाय के पवित्र तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी में पर्यटन गतिविधियों पर रोक लगा दी है। केंद्र ने झारखंड सरकार से कहा है कि वह इस धार्मिक स्थल की पवित्रता को बनाए रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए। केंद्र की ओर से झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार को इस संबंध में एक पत्र भी भेजा गया है। 

बताना होगा कि बीते कई दिनों से जैन समुदाय के लोग झारखंड के गिरिडीह जिले में स्थित सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल बनाने के हेमंत सोरेन सरकार के नोटिफिकेशन का विरोध कर रहे थे। 

दिल्ली से लेकर मुंबई, राजस्थान, गुजरात, झारखंड सहित कई राज्यों में जैन समुदाय के लोग सड़क पर उतरे थे। इसे लेकर सोशल मीडिया पर भी अभियान चल रहा था। 

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यह ताज़ा घटनाक्रम जैन समुदाय के लोगों की केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात के बाद हुआ। केंद्र ने झारखंड सरकार से कहा है कि वह धार्मिक स्थलों में नशे और तमाम दूसरी गतिविधियों पर कड़ाई से रोक लगाए। 

जैन समुदाय का साफ कहना है कि सम्मेद शिखरजी कोई पर्यटक स्थल नहीं है यह उनकी धार्मिक और पवित्र भूमि है। उनका कहना है कि सम्मेद शिखर जी को धार्मिक स्थल ही बनाए रखा जाना चाहिए और इसे पर्यटन स्थल नहीं बनाया जाना चाहिए। 

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने दावा किया है कि केंद्र के द्वारा यह फैसला हेमंत सोरेन सरकार की ओर से भूपेंद्र यादव को पत्र लिखे जाने के बाद लिया गया है। झारखंड सरकार की ओर से कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव से साल 2019 में केंद्र सरकार के द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन के संबंध में कार्रवाई करने के लिए कहा था। 

Sammed Shikharji protest by Jain community Centre bars tourism - Satya Hindi
सम्मेद शिखरजी।

2019 का है नोटिफिकेशन 

इस मामले में विवाद फरवरी, 2019 में झारखंड की तत्कालीन बीजेपी सरकार के पर्यटन विभाग के द्वारा जारी नोटिफिकेशन के बाद शुरू हुआ था। इस नोटिफिकेशन में पारसनाथ पहाड़ी को पर्यटक स्थल घोषित किया गया था। इसके अलावा राज्य में कई और जगहों को भी पर्यटक स्थल बनाने की बात कही गई थी। इसके पीछे मकसद राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देना बताया गया था। 

केंद्र सरकार ने अगस्त, 2019 में राज्य सरकार की सिफारिश के आधार पर पारसनाथ अभ्यारण्य के आसपास के क्षेत्र को इको सेंसेटिव जोन घोषित कर दिया था और इसके साथ ही यह अनुमति भी मिल गई थी कि यहां पर विकास कार्य कराए जा सकते हैं। 

Sammed Shikharji protest by Jain community Centre bars tourism - Satya Hindi
जुलाई, 2022 में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य सरकार की नई पर्यटन नीति को लागू किया। इसमें कहा गया कि पारसनाथ पहाड़ी को एक धार्मिक पर्यटक केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा और इसके साथ ही देवघर में बाबा बैद्यनाथ मंदिर और रामगढ़ जिले में रजरप्पा मंदिर को भी इसी तर्ज पर वितरित किया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी करने के बाद दिसंबर में जैन समुदाय के लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। 
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क्या कहना है जैन समुदाय का?

जैन समुदाय के लोगों का कहना है कि सम्मेद शिखरजी को पर्यटक केंद्र घोषित किए जाने से इसकी पवित्रता भंग हो जाएगी। उनका कहना है कि वे लोग विकास के खिलाफ नहीं हैं लेकिन धार्मिक स्थल की मर्यादा से छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। जैन समुदाय का कहना है कि उनके सभी तीर्थ स्थलों की सुरक्षा होनी चाहिए। 

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क़मर वहीद नक़वी
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