कभी अपने श्राप से शहीद एटीएस चीफ़ हेमंत करकरे की मौत होने का दावा करने वाली बीजेपी की सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने नया बयान देकर लोगों को हैरान कर दिया है। प्रज्ञा ने कहा है कि बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की एक के बाद एक हो रही मौतों के पीछे विपक्ष का हाथ है और वह कोई ‘मारक शक्ति’ का उपयोग कर रहा है। हाल ही में बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली, सुषमा स्वराज और बाबूलाल गौर का निधन हो गया था। साध्वी का बयान सामने आने के बाद यह चर्चा जोरों पर है कि आख़िर बीजेपी के किसी नेता या सामान्य व्यक्ति के दुनिया से चले जाने में भला विपक्ष के नेताओं का क्या हाथ हो सकता है और उनके पास ऐसी कौन सी ‘मारक शक्ति’ है। बता दें कि साध्वी प्रज्ञा मालेगाँव बम धमाकों की आरोपी हैं और इन दिनों जमानत पर हैं।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के प्रदेश बीजेपी कार्यालय में सोमवार को पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के लिए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया था। सभा में जब भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर बोलने के लिए आईं तो उन्होंने बीजेपी नेताओं के निधन पर विपक्ष का हाथ बताया।
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने एक कहा, 'एक महाराज जी ने मुझसे कहा कि आप अपनी साधना को कम मत करना, साधना का समय बढ़ाते रहना क्योंकि यह बहुत बुरा समय है और विपक्ष भारतीय जनता पार्टी पर मारक शक्ति का प्रयोग कर रहा है और हमें नुक़सान पहुँचा रहा है। महाराज जी ने कहा, यह बीजेपी के कर्मठ, योग्य नेताओं को हानि पहुँचा सकता है। आप टारगेट पर हैं, इसलिए सावधान रहें।साध्वी ने कहा, ‘उस समय मैं इस बात को भूल गयी लेकिन आज जब मैं देखती हूँ कि बाबूलाल गौर, सुषमा जी, जेटली जी चले गए तो मेरे मन में यह सवाल आया कि कहीं उनकी बात सच तो नहीं।’
साध्वी प्रज्ञा ने मुंबई हमले में शहीद हुए पूर्व एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे के बारे में कहा था कि करकरे को संन्यासियों का शाप लगा था। प्रज्ञा ने कहा था, 'मैंने कहा तेरा (हेमंत करकरे) सर्वनाश होगा। ठीक सवा महीने में सूतक लगता है। जिस दिन मैं गई थी, उस दिन उसे सूतक लग गया था और ठीक सवा महीने में जिस दिन आतंकवादियों ने इसको मारा और उसका अंत हो गया।'
बता दें कि हेमंत करकरे ने मालेगाँव ब्लास्ट मामले में सबूत इकट्ठे किए थे और इसके बाद साध्वी प्रज्ञा के ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाया गया था। मालेगाँव बम ब्लास्ट मामले में प्रज्ञा ठाकुर लंबे समय तक जेल में रह चुकी हैं। करकरे मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकवादी हमले में आतंकवादियों से बहादुरी से लड़ते हुए शहीद हो गये थे। हालाँकि
इस बयान पर बवाल होने के बाद साध्वी प्रज्ञा ने अपना बयान वापस ले लिया था।
साध्वी ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान
बाबरी मसजिद ध्वंस में अपनी भूमिका पर गर्व करते हुए बयान दिया था, ‘मैं ढाँचे को तोड़ने के लिए इसकी सबसे ज़्यादा ऊँचाई पर चढ़ी थी। मुझे इस बात पर गर्व है कि भगवान ने मुझे यह मौक़ा दिया और इस काम को करने के लिए ताक़त दी, तभी मैं यह काम कर पाई। हमने देश पर लगे कलंक को ख़त्म कर दिया। अब हम वहीं राम मंदिर बनाएँगे।’
साध्वी प्रज्ञा ने चुनाव प्रचार के दौरान महात्मा गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था और तब भी इस मामले में ख़ासा बवाल हुआ था। प्रज्ञा ने एक पत्रकार के सवाल पूछने पर कहा था, ‘नाथूराम गोडसे देशभक्त थे, हैं और रहेंगे। जो लोग उन्हें आतंकवादी कह रहे हैं, उन्हें अपने गिरेबान में झाँकना चाहिए। ऐसे लोगों को इस चुनाव में जवाब दे दिया जाएगा।' हालाँकि साध्वी ने बाद में
अपने बयान पर माफ़ी माँग ली थी। उन्होंने कहा था कि उनका मक़सद किसी को ठेस पहुँचाना नहीं था।
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