रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने शुक्रवार को दिल्ली में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की। यह मुलाकात ऐसे वक्त में हुई है जब रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है और रूस पर दुनिया के तमाम मुल्कों ने कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए हैं। रूस के द्वारा यूक्रेन पर हमला करने के बाद विदेश मंत्री लावरोव का यह पहला भारत दौरा है। मुलाक़ात के दौरान एस. जयशंकर ने कहा कि रूस के साथ भारत के द्विपक्षीय रिश्ते आगे बढ़ रहे हैं और भारत हमेशा से तमाम तरह के विवादों को कूटनीतिक ढंग से सुलझाने के पक्ष में रहा है।
रूसी विदेश मंत्री चीन की दो दिवसीय यात्रा के समापन के बाद गुरुवार शाम नई दिल्ली पहुँचे। बैठक के बाद लावरोव ने एक संवाददाता सम्मेलन में इस बात रेखांकित किया कि भारतीय विदेश नीतियों की विशेषता है कि वह स्वतंत्र और वास्तविक राष्ट्रीय वैध हितों पर एकाग्र है।
उन्होंने कहा, 'यही नीति रूसी संघ में है और यह हमें बड़े देशों, अच्छे दोस्तों और वफादार भागीदारों के रूप में साथ लाती है।'
कुछ दिन पहले चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भी भारत का दौरा किया था और इस दौरान उनकी एस. जयशंकर से मुलाकात हुई थी। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को लेकर जिस तरह के हालात दुनियाभर में बन रहे हैं उसके बीच दुनिया के तमाम मुल्क भी बेहद फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं।
जयशंकर से मुलाकात के दौरान रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने कहा कि भारत और रूस के रिश्तों में दोस्ती शब्द बेहद अहम रहा है। उन्होंने कहा कि हम इस बात की प्रशंसा करते हैं कि भारत वर्तमान हालात को लेकर एक तरफा नहीं है और सभी तथ्यों को देख रहा है।
🇷🇺🇮🇳 Russian Foreign Minister Sergey #Lavrov was received by Prime Minister @narendramodi during his official visit to #India#RussiaIndia #DruzhbaDosti pic.twitter.com/2ZIsW0pi97
— MFA Russia 🇷🇺 (@mfa_russia) April 1, 2022
भारत की रणनीति
भारत ने यूक्रेन पर हमले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में लाए गए निंदा प्रस्ताव पर वोटिंग से परहेज किया था और ऐसा माना गया था कि भारत रूस से अपने रिश्तों को खराब नहीं करना चाहता। रूस और यूक्रेन के युद्ध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन और रूस के राष्ट्रपतियों से बात कर चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने बातचीत के जरिए मसले को सुलझाने और युद्ध खत्म करने पर जोर दिया था।
लावरोव इसके बाद 2 दिन की यात्रा पर चीन भी जाएंगे और वहां अफगान संकट पर होने वाली विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे।
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