जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद ने अपने अपहरणकर्ताओं में से एक शख्स की पहचान अलगाववादी नेता यासीन मलिक के रूप में की है। रुबैया सईद ने यह पहचान टाडा की अदालत में शुक्रवार को की। यासीन मलिक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश हुए। रुबैया सईद ने तस्वीरों के जरिए भी यासीन मलिक की पहचान की। रुबैया सईद की बहन महबूबा मुफ्ती जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री रही हैं और पीडीपी की प्रमुख हैं।
8 दिसंबर, 1989 को रुबैया सईद का उस वक्त अपहरण किया गया था जब वह लाल डेड मेमोरियल हॉस्पिटल से अपने घर लौट रही थीं। उस दौरान वह बस में थीं। उस वक्त मुफ्ती मोहम्मद सईद भारत के गृह मंत्री थे।
रुबैया सईद ने यासीन मलिक के अलावा मोहम्मद जमन मीर, मेहराजुद्दीन शेख और मंजूर अहमद सोफी की पहचान भी की है। अदालत ने इस मामले में सुनवाई के लिए 23 अगस्त की तारीख तय की है।
13 दिसंबर को रुबैया सईद को रिहा किया गया था। उन्हें रिहा करने के लिए भारत सरकार को पांच खूंखार आतंकियों को छोड़ना पड़ा था। इनमें जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फोर्स के हामिद शेख, अल्ताफ अहमद भट, नूर मोहम्मद कलवाल, जावेद अहमद जरगर और शेर खान शामिल थे।
रुबैया ने अदालत में कहा कि अपहरण के दौरान यासीन मलिक ने उनसे कहा था कि वह बस से नीचे उतर जाएं वरना उन्हें घसीट कर उतारा जाएगा।
लगभग तीन दशक तक ठंडे बस्ते में रहने के बाद यह मामला जनवरी 2021 में फिर से खुला था जब टाडा अदालत ने यासीन मलिक और नौ अन्य के खिलाफ इस मामले में आरोप तय करने का आदेश दिया था।
यासीन मलिक ने अदालत से कहा है कि वह इस इस मामले में खुद पेश होकर सवाल जवाब करना चाहते हैं। यासीन मालिक ने कहा कि अगर उन्हें इसका मौका नहीं दिया जाता है तो वह जेल में भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे।
बीते साल जनवरी में सीबीआई ने यासीन मलिक के अलावा 10 लोगों को रुबैया सईद के अपहरण के मामले में अभियुक्त बनाया था। इनके नाम अली मोहम्मद मीर, मोहम्मद जमान मीर, इकबाल अहमद गांदरू, जावेद अहमद मीर, मोहम्मद रफीक पहलू, मंजूर अहमद सोफी, वजाहत बशीर, मेहराज-उद-दीन शेख और शौकत अहमद बख्शी हैं।
जांच के दौरान अली मोहम्मद मीर, जमन मीर और इकबाल ने स्वीकार किया था कि वे रुबैया सईद के अपहरण में शामिल थे। इसके अलावा चार अन्य अभियुक्तों ने भी सीबीआई के सामने अपना गुनाह कुबूल किया था।
कौन हैं यासीन मलिक
यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फोर्स के प्रमुख हैं और इन दिनों तिहाड़ जेल में हैं। मलिक कश्मीर के अलगाववादी नेता हैं। यासीन मलिक को टेरर फंडिंग के एक मामले में साल 2019 में एनआईए ने गिरफ्तार किया था और इस साल मई में उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी।
यासीन मलिक के खिलाफ भारतीय एयरफोर्स के चार अफसरों की हत्या के मामले में भी जांच चल रही है। यह मामला श्रीनगर में जनवरी 1990 का है। सीबीआई ने एयरफोर्स के अफसरों की हत्या के मामले में मार्च 2020 में जबकि रुबैया सईद के अपहरण के मामले में जनवरी 2021 में चार्जशीट तैयार की थी।
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