आरएसएस की सुरक्षा पूरी तरह सीआईएसएफ (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) के हवाले कर दी गई है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है। दूसरी तरफ देश के तमाम एयरपोर्ट से सीआईएसएफ की सुरक्षा हटाकर वहां निजी कंपनियों के सुरक्षा गार्ड तैनात किए जा रहे हैं। हालांकि एयरपोर्ट की सुरक्षा ज्यादा महत्वपूर्ण है।
सीआईएसएफ ने 1 सितंबर, से नागपुर में आरएसएस मुख्यालय और दिल्ली के झंडेवालान में केशवकुंज ऑफिस की सुरक्षा संभाल ली है। नागपुर के बाद दिल्ली के झंडेवालान में ही संघ का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण केंद्र है।
सीआईएसएफ के अधिकारियों सहित लगभग 150 जवान, सोमवार शाम नागपुर और झंडेवालान पहुंचे, और वहां तैनात एसआरपीएफ और लोकल पुलिस की जगह सुरक्षा संभाल ली। करीब 15 वर्षों से संघ मुख्यालय इन्हीं की सुरक्षा थी।
नागपुर और झंडेवालान में सीआईएसएफ टीम का नेतृत्व डीसीपी रैंक का अधिकारी करेगा। नागपुर में इन लोगों को फिलहाल मुख्यालय के पास एक स्कूल में ठहराया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही में नागपुर और झंडेवालान दफ्तरों का सुरक्षा ऑडिट किया था। उसके बाद संघ के दोनों दफ्तरों की सुरक्षा सीआईएसएफ के हवाले करने का फैसला किया गया। हालांकि सीआईएसएफ को बनाने का मकसद अलग था लेकिन अब ज्यादातर ऐसे कामों में उनकी तैनाती हो रही है।
संघ प्रमुख मोहन भागवत को खतरे की आशंका के मद्देनजर 'जेड प्लस' सुरक्षा पहले से ही मिली हुई है। जून 2006 में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के तीन आतंकवादियों को पुलिस ने मार गिराया था जब उन्होंने नागपुर में आरएसएस मुख्यालय में प्रवेश करने की कोशिश की। उसके बाद सरकार ने संघ मुख्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी थी।
एयरपोर्ट पर निजी सुरक्षा गार्ड
एक तरफ संघ मुख्यालय की सुरक्षा सीआईएसएफ के हवाले कर दी गई है तो दूसरी तरफ देश के तमाम एयरपोर्ट से सीआईएसएफ की जगह निजी कंपनियों के सुरक्षा गार्ड तैनात किए जा रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने इस मुद्दे को उठाते हुए सरकार की कड़ी आलोचना की है।
विमानन सुरक्षा नियामक बीसीएएस द्वारा तैयार ब्लूप्रिंट के तहत कुल 3,049 सीआईएसएफ विमानन सुरक्षा पदों को समाप्त कर दिया गया। इनकी जगह 1,924 निजी सुरक्षा कर्मी तैनात किए जाएंगे। बाकी जगहों पर सीसीटीवी कैमरे और बैगेज स्कैनर जैसी स्मार्ट निगरानी तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
हालांकि एक अधिकारी ने टाइम्स नाउ को बताया कि निजी सुरक्षा कर्मियों को दिल्ली, मुंबई और अन्य हवाई अड्डों पर गैर-संवेदनशील काम के लिए तैनात किया जा रहा है। जैसे कि लाइन लगवाने का मैनेजमेंट, एयरलाइंस के कर्मचारियों और यात्रियों की सुरक्षा सहायता और टर्मिनल क्षेत्र के अंदर कुछ एंट्री और एग्जिट (निकासी) वाले प्वाइंट पर उनकी तैनाती की जाएगी।
इस अधिकारी ने टाइम्स नाउ से कहा कि सीआईएसएफ एंट्री के समय यात्रियों के क्रेडेंशियल्स की जांच, यात्रियों की तलाशी, तोड़फोड़ रोधी अभ्यास, सेकेंडरी लैडर प्वाइंट चेक और शहर और हवाई क्षेत्र के हवाई अड्डों को आतंकवाद विरोधी कवर प्रदान करने के अपने मुख्य कार्य को जारी रखेगा।
बहरहाल, अधिकारी के बयान से यह साफ हो गया है कि इन एयरपोर्टों पर निजी कंपनियों के सुरक्षा गार्ड अब ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
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