मोहन भागवत सोशल मीडिया पर ट्रेंड करते रहे। सोशल मीडिया यूज़र उन्हें 'ब्राह्मण विरोधी' बताकर उनसे माफी मांगने की मांग कर रहे हैं। अभी तक भागवत की ओर से माफी तो नहीं मांगी गई, लेकिन सफ़ाई ज़रूर जारी की गई है। यह सफ़ाई भी आरएसएस के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बयान जारी कर दी है। तो सवाल है कि संघ प्रमुख ने ऐसा कह दिया कि यह बयान जारी करना पड़ गया।
दरअसल, यह विवाद शुरू हुआ रविवार को एक कार्यक्रम में मोहन भागवत के बयान के बाद से। उन्होंने उस कार्यक्रम में मराठी भाषा में जाति व्यवस्था को लेकर उद्बोधन दिया था। उसको लेकर एएनआई और अन्य मीडिया रिपोर्टों में भागवत के हवाले से कहा गया था, 'जब हर काम समाज के लिए है तो कोई ऊंचा, कोई नीचा या कोई अलग कैसे हो गया? भगवान ने हमेशा बोला है कि मेरे लिए सभी एक हैं, उनमें कोई जाति, वर्ण नहीं है, लेकिन पंडितों ने श्रेणी बनाई, वो ग़लत था।' लेकिन इस बयान का आज खंडन आ गया। सफाई में क्या कहा गया, उससे पहले सुनिये भागवत ने क्या कहा। आरएसएस प्रचार प्रमुख ने ही वह वीडियो साझा किया है।
— Sunil Ambekar (@SunilAmbekarM) February 6, 2023
आरएसएस की ओर से आज जारी सफ़ाई के बीच ही समाचार एजेंसी एएनआई ने मोहन भागवत के बयान पर अपने कल के ट्वीट को वापस ले लिया है। इसने नया ट्वीट जारी करते हुए कहा है कि अनुवाद में ग़लती हुई थी।
एएनआई के नए ट्वीट के मुताबिक़ भागवत ने कहा, 'सत्य ही ईश्वर है, सत्य कहता है मैं सर्वभूति हूं, रूप कुछ भी रहे योग्यता एक है, ऊँच-नीच नहीं है, शास्त्रों के आधार पर कुछ पंडित जो बताते हैं वह झूठ है। जाति की श्रेष्ठता की कल्पना में ऊँच-नीच में अटक कर हम गुमराह हो गए, भ्रम दूर करना है।'
सत्य यह है कि मैं सब प्राणियों में हूँ इसलिए रूप नाम कुछ भी हो लेकिन योग्यता एक है,मान सम्मान एक है,सबके बारे में अपनापन हैं।कोई भी ऊँचा नीचा नहीं है।शास्त्रों का आधार लेकर पंडित (विद्वान)लोग जो(जातिआधारीत ऊँच-नीच की बात)कहते हैं वह झूठ हैं-डॉ मोहनजी भागवत https://t.co/ZtbHY802kM
— Sunil Ambekar (@SunilAmbekarM) February 6, 2023
लेकिन ऐसी सफ़ाई के बीच ही ट्विटर पर मोहन भागवत को पंडितों को लेकर दिए बयान पर जबरदस्त प्रतिक्रिया हुई। दुर्गेश पांडे नाम के यूज़र ने लिखा है, 'भागवत अपनी गंदी राजनीति के लिये ब्राह्मणों को बलि का बकरा बना रहे हैं।'
इस यूज़र ने एक अन्य ट्वीट में माफी नहीं मांगने तक मंदिरों में प्रवेश को रोकने की मांग कर डाली है।
शाबाश शेरो 👍👌🔥🔥
— Er. Durgesh Pandey🇮🇳 (@ErDurgeshPande7) February 6, 2023
ट्विटर पे नंबर 3 पर ट्रेंड कर रहा है #भागवत_माफी_मांगो .
अगर मोहन भागवत ब्राह्मणों के खिलाफ की गई अनर्गल टिप्पणी पर माँफी नही मांगता तो इसको भारत में किसी भी मंदिर प्रवेश ना दिया जाय। pic.twitter.com/j2ZhWXc6i1
RSS should know how to choose words wisely. To make someone happy, abusing Brahmins for no reason is not good. In India, if you want to achieve something but without doing anything productive then just abuse Brahmins. #भागवत_माफी_मांगो
— Shubham Sharma (@Shubham_fd) February 6, 2023
मोहन भागवत के बयान पर तीखी प्रतिक्रियाएँ आने के बाद सोमवार को आरएसएस प्रचार प्रमुख की ओर से सफाई आई है। लेकिन सफाई आने के बाद भी ट्विटर पर भागवत को माफी मांगने की मांग करने वाले ट्वीट आते रहे।
वैसे, 2024 के चुनाव से पहले भागवत के इस बयान वाला मुद्दा बीजेपी के लिए नुक़सानदेह साबित हो सकता है। 2015 में आरक्षण पर भागवत के एक बयान पर विवाद हो गया था। तब बिहार में चुनाव होने वाला था। कहा जाता है कि बीजेपी को भागवत के उस बयान का बहुत बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा था और चुनाव नतीजे इसके खिलाफ़ गए थे।
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