लद्दाख में चीनी घुसपैठ के मामले में प्रधानमंत्री मोदी की सर्वदलीय बैठक में लालू यादव की पार्टी आजेडी और अरविंद केजरीवाल की पार्टी को आमंत्रित नहीं किया गया है। उस बैठक से बाहर रखे जाने पर दोनों दलों में नाराज़गी है। उन्होंने पूछा है कि आख़िर इसके लिए क्या मानक रखा गया है और क्या इतने महत्वपूर्ण मसले पर उनकी राय कोई मायने नहीं रखती।
चीन पर सर्वदलीय बैठक आज शाम 5 बजे होना प्रस्तावित है। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी, तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी सहित कई नेताओं के भाग लेने की संभावना है। इस बैठक में भाग लेने वाले दलों के अध्यक्षों को आमंत्रित करने के लिए गुरुवार को ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फ़ोन किया।
इस बीच जब चीन पर सर्वदलीय बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रण नहीं गया तो राष्ट्रीय जनता दल यानी आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इसकी शिकायत की। उन्होंने ट्वीट पर लिखा, 'प्रिय रक्षा मंत्रालय, प्रधानमंत्री कार्यालय गलवान वैली पर सर्वदलीय बैठक के लिए राजनीतिक दलों को आमंत्रित करने के लिए मापदंड जानना चाहता हूँ। मेरा मतलब है- शामिल/बाहर करने का आधार क्या है। क्योंकि हमारी पार्टी आरजेडी को अब तक कोई संदेश नहीं मिला है।'
Dear @DefenceMinIndia @PMOIndia, Just wish to know the criteria for inviting political parties for tomorrow's #AllPartyMeet on #GalwanValley. I mean the grounds of inclusion/exclusion. Because our party @RJDforIndia hasn't received any message so far.
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) June 18, 2020
हालाँकि इस पर सरकार या बीजेपी की ओर से कोई प्रतिक्रिया तो नहीं आई, लेकिन सूत्रों के हवाले से ख़बर आई कि जिन दलों के कम से कम पाँच सांसद होंगे उनको ही आमंत्रित किया गया है।
आरजेडी नेता मनोज कुमार झा ने आरजेडी के पाँच सांसद होने की ओर इशारा कर ट्वीट किया, "फाइव का विचार फिक्शन है.. कोई भी राज्य सभा की वेबसाइट देख सकता है।'
The idea of 'Five is Fiction'..anybody can check #RajyaSabha website..https://t.co/a4jafMOq6e https://t.co/wXsfqyIWDk
— Manoj Kumar Jha (@manojkjhadu) June 19, 2020
आमंत्रित नहीं किए जाने से ग़ुस्साए आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने ट्वीट कर कहा कि केन्द्र में एक अजीब अहंकार ग्रस्त सरकार चल रही है।
केन्द्र में एक अजीब अहंकार ग्रस्त सरकार चल रही है आम आदमी पार्टी की दिल्ली में सरकार है पंजाब में मुख्य विपक्षी पार्टी है 4 सांसद हैं देश भर में संगठन लेकिन किसी महत्वपूर्ण विषय पर भाजपा को AAP की राय नही चाहिये कल की बैठक में प्रधानमंत्री जी क्या बोलेंगे पूरे देश को इंतज़ार है?
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) June 18, 2020
बता दें कि चीन पर सर्वदलीय बैठक की घोषणा तब हुई है जब सीमा विवाद बढ़ता जा रहा है और चीनी सेना की कार्रवाई का जवाब देने के लिए दबाव बढ़ता जा रहा है। प्रधानमंत्री पर भी इसका दबाव बढ़ता जा रहा है कि वह कुछ ठोस क़दम उठाएँ।
लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए हैं। यह झड़प सोमवार यानी 15 जून की रात को हुई थी।
सवाल तो इस पर उठाए जा रहे हैं कि देश को सीमा के वास्तविक हालात के बारे में जानकारी नहीं दी जा रही है। ताज़ा विवाद इस पर उठा है कि चीनी सैनिकों के साथ मुठभेड़ के दौरान भारतीय सैनिकों को कथित तौर पर निहत्थे क्यों भेजा गया। राहुल गाँधी ने सवाल पूछा कि 'हमारे निहत्थे जवानों को वहाँ शहीद होने क्यों भेजा गया?' इस पर जब विदेश मंत्री ने जवाब दिया तो और विवाद खड़ा हो गया।
राहुल के सवाल पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर कहा है, 'आइये हम सीधे तथ्यों की बात करते हैं। सीमा पर सभी सैनिक हमेशा हथियार लेकर जाते हैं, ख़ासकर जब पोस्ट से जाते हैं। 15 जून को गलवान में उन लोगों ने ऐसा किया। फेसऑफ़ (झड़प) के दौरान हथियारों का उपयोग नहीं करना लंबे समय से परंपरा (1996 और 2005 के समझौते के अनुसार) चली आ रही है।'
लेकिन विदेश मंत्री के इस जवाब पर सेना के सेवानिवृत्त अफ़सरों ने ही सवाल खड़े कर दिए। रिटायर लेफ़्टिनेंट जनरल एच. एस. पनाग ने इस पर कहा कि यह तो सीमा प्रबंधन के लिए बनी सहमति है, रणनीतिक सैन्य कार्रवाई के दौरान इसका पालन नहीं होता है। उन्होंने कहा है कि जब किसी सैनिक की जान का ख़तरा होता है, वह अपने पास मौजूद किसी भी हथियार का इस्तेमाल कर सकता है।
इस घटना के बाद से ही सोशल मीडिया पर लोग इसके लिए आलोचना कर रहे थे कि प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री सहित तमाम मंत्री की ओर से कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं आई। मंत्रियों की यह आरोप लगाकर भी आलोचना की जा रही है कि देश को चीन से लगी सीमा पर वास्तविक स्थिति नहीं बताई जा रही है। इन्हीं आरोपों के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बुधवार को ट्वीट आया। उन्होंने ट्वीट में कहा कि मुश्किल वक़्त में देश कंधे से कंधा मिलकर खड़ा है। इसके बाद प्रधानमंत्री का भी बयान आया और उन्होंने कहा कि हम शांतिप्रिय देश हैं लेकिन कोई उकसाए तो हम जवाब देने में सक्षम हैं। बाद में गृह मंत्री अमित शाह का भी बयान आया। और फिर चीन पर सर्वदलीय बैठक की जानकारी दी गई।
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