केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह द्वारा पेश किए गए सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024 में प्रश्नपत्र या आंसर शीट के लीक होने, सार्वजनिक परीक्षा में अनाधिकृत रूप से किसी भी तरीके से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उम्मीदवार की सहायता करने का उल्लेख है। किसी व्यक्ति द्वारा या किसी संस्थान अथवा समूह द्वारा कंप्यूटर नेटवर्क या कंप्यूटर संसाधन या कंप्यूटर सिस्टम के साथ छेड़छाड़ को अपराध घोषित किया गया है। यह विधेयक संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी), कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), रेलवे, बैंकिंग भर्ती परीक्षाओं और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित सभी कंप्यूटर-आधारित परीक्षाओं को कवर करेगा।
मंत्री ने कहा कि विधेयक का उद्देश्य संगठित गिरोहों और संस्थानों को रोकना है जो पैसे के लिए अनुचित तरीकों में शामिल हैं, लेकिन यह उम्मीदवारों को इसके प्रावधानों से बचाता है।
उन्होंने कहा कि इसमें धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए न्यूनतम तीन से पांच साल की कैद का प्रस्ताव है और धोखाधड़ी के संगठित अपराधों में शामिल लोगों को पांच से 10 साल की कैद और न्यूनतम एक करोड़ रुपये का जुर्माना भरना होगा।
तकनीकी समिति भी बनेगीः कई परीक्षाओं के ऑनलाइन आयोजित होने और सार्वजनिक परीक्षाओं के संचालन में आईटी की बढ़ती भूमिका को देखते हुए एक उच्च स्तरीय राष्ट्रीय तकनीकी समिति भी स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।समिति डिजिटल प्लेटफार्मों को इंसुलेट करने के लिए प्रोटोकॉल विकसित करने, फूलप्रूफ सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सुरक्षा प्रणाली विकसित करने के तरीके और साधन तैयार करने, परीक्षा केंद्रों की व्यापक इलेक्ट्रॉनिक निगरानी सुनिश्चित करने और आईटी और भौतिक बुनियादी ढांचे दोनों के लिए राष्ट्रीय मानक और सेवा स्तर तैयार करने पर विचार करेगी।
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