loader
आजम खान की फाइल फोटो

आजम खान को हेटस्पीच मामले में कोर्ट ने 2 वर्ष की सजा सुनाई 

सपा नेता आजम खान को शनिवार को हेटस्पीच मामले में रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 2 वर्ष की सजा सुनाई है। आजम खान को यह सजा 2019 के लोकसभा चुनाव में उनके एक भाषण के लिए मिली है। आजम ने एक चुनावी सभा में सीएम-डीएम पर आपत्तिजनक और भड़काऊ मानी जाने वाली टिप्पणियां की थीं। उनकी इस टिप्पणी का वीडियो भी खूब वायरल हुआ था।
इस पर जमकर हंगामा हुआ था। इसके बाद  आजम पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रामपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी को निशाना बनाते हुए भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाकर केस दर्ज किया गया था। आजम खान अलग-अलग मामलों में करीब 27 महीने तक जेल में रह चुके हैं। उन्हें 19 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी थी। अब एक बार फिर हेट स्पीच मामले में सजा मिलने के बाद उनकी परेशानियां बढ़ती हुई दिख रही हैं। 
ताजा ख़बरें

हेट स्पीच मामले में पहले भी दोषी करार हो चुके

आजम खान इससे पहले भी हेट स्पीच के आरोपों का सामना कर चुके हैं। अप्रैल 2019 में उनपर आरोप लगा था कि एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के अलावा रामपुर जिले के तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिया था। इसके बाद उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया था। 
इस मामले में उन्हें आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया था। निचली अदालत ने उन्हें तीन वर्ष की सजा सुनाई थी। इसके बाद उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी गई थी। इस मामले में रामपुर की स्पेशल एमपी -एमएलए कोर्ट ने उन्हें 25 मई को बरी कर दिया था। 
देश से और खबरें

सरकारी काम में बाधा डालने के लिए भी हो चुकी है सजा

इससे पहले इस वर्ष फरवरी में आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को 14 साल पुराने एक मामले में मुरादाबाद की एमपी -एमएलए कोर्ट ने 2-2 वर्ष की सजा सुनाई थी। 2008 के इस केस में हरिद्वार हाईवे पर मुरादाबाद के छजलैट थाने के सामने 2 जनवरी 2008 को मुरादाबाद के तत्कालीन एसएसपी ने आजम खान की गाड़ी को चेकिंग के लिए रुकवाया था। उन्होंने आजम की गाड़ी पर लगा हूटर भी उतरवा दिया था। इससे विवाद इतना बढ़ा कि आजम खान और कई सपा कार्यकर्ता वहीं सड़क पर धरने पर बैठ गए थे। इस केस में आजम समेत अन्य सपा नेताओं पर सरकारी कार्य में बाधा डालने, भीड़ को उकसाने समेत विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया था।   

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें