राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी, आचार्य सत्येन्द्र दास राम मंदिर के प्राणप्रतिष्ठा समारोह और उससे पहले के अनुष्ठानों के बारे में बताया कि "प्राणप्रतिष्ठा एक व्यापक अनुष्ठान है, इसलिए पूजा 15-16 जनवरी से शुरू होगी, जब खरमास समाप्त होगा। 14 जनवरी...मूर्ति को या तो 'नगर भ्रमण' या 'परिसर भ्रमण' के लिए ले जाया जाएगा। उसके बाद, अन्य अनुष्ठान भी किए जाएंगे... ये सभी प्रक्रियाएं प्राणप्रतिष्ठा से पहले पूरी की जाएंगी। केवल मुख्य कार्यक्रम 22 जनवरी को होगा। उस दिन पीएम भी आएंगे...।" इसी के साख उन्होंने कहा-
“
राम राज्य अब आ रहा है।
-आचार्य सत्येंद्र दास, मुख्य पुजारी राम मंदिर अयोध्या 13 जनवरी 2024 सोर्सः एएनआई
सत्येंद्र दास ने शनिवार को न्यूज एजेंसी एएनआई से बात की है। राम नाम के राजनीतिक इस्तेमाल पर मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा- ''वहां 'राजनीति' और 'धर्मनीति' है... उन्होंने (भाजपा) भगवान राम को अपना बनाया और आज उनके पास उनका आशीर्वाद है। ..यह 'राजनीति' नहीं बल्कि 'धर्मनीति' है।"
कांग्रेस द्वारा अधूरे राम मंदिर में 'प्राण प्रतिष्ठा' को लेकर जो आपत्तियां जताई जा रही हैं, उस पर मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा- "सब कुछ शास्त्रों के अनुसार किया जा रहा है...वे (कांग्रेस) समारोह में शामिल न होने के लिए केवल बहाने दे रहे हैं।"
अयोध्या राम मंदिर 'प्राण प्रतिष्ठा' में शंकराचार्यों के शामिल नहीं होने पर मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा, "...हम शंकराचार्यों के विचारों पर सवाल नहीं उठा सकते...मैं इस पर कुछ नहीं कह सकता।"
यह पूछे जाने पर कि क्या किसी अन्य राजनीतिक दल ने राम लला को स्थायी मंदिर में स्थानांतरित करने की कोशिश की थी, मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा- ''नहीं, ऐसा प्रयास पहले कभी नहीं किया गया था...।'' पश्चिम बंगाल में साधुओं पर कथित हमले पर आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा- "किसी ने ममता बनर्जी को मुमताज खान नाम दिया था। राम नवमी और अन्य धार्मिक जुलूसों पर हमले हुए हैं। वह (ममता बनर्जी) 'भगवा' रंग देखकर क्रोधित हो जाती हैं और यही कारण है कि वह ये हमले करवाती हैं...हमलों की ये घटनाएं बेहद निंदनीय हैं।'
मोदी ने वीडियो शेयर कियापीएम मोदी ने शनिवार को सोशल मीडिया पर तिलक यूट्यूब चैनल का एक वीडियो शेयर किया है, जिसकी थीम है- हर घर मंदिर हर घर उत्सव। इसे शेयर करते हुए मोदी ने लिखा है- सदियों के इंतजार के बाद अयोध्या धाम में सुमंगल की घड़ी नजदीक है। इस पुण्य अवसर को लेकर उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक, हर ओर प्रभु श्री राम का जयकारा गूंज रहा है। आस्था और भक्ति के इसी वातावरण का अनुभव आपको इस प्रस्तुति से होगा।
विपक्षी दलों से लगातार आरोप लगाया जा रहा है कि केंद्र की मोदी सरकार धर्म में राजनीति का इस्तेमाल कर रही है जो गलत है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा है कि धार्मिक अनुष्ठानों में राजनीति करना गलत है। लेकिन यह दिलचस्प है कि विपक्ष और अन्य धर्मनिरपेक्ष लोग जितना भाजपा की राजनीति पर सवाल उठा रहे हैं, भाजपा और मोदी इस मुद्दे पर आक्रामक होते जा रहे हैं। शुक्रवार से 11 दिनों के लिए मोदी ने रोजाना धार्मिक अनुष्ठान की घोषणा की है। हालांकि प्रधानमंत्री होने की वजह से उनका बहुत व्यस्त कार्यक्रम होता है लेकिन 22 जनवरी तक मोदी पूरी तरह राम मय हो गए हैं।
विश्व हिन्दू परिषद और राम मंदिर ट्रस्ट ने सोनिया गांधी, खड़गे से लेकर सीपीएम के सीताराम येचुरी तक को निमंत्रण भेजा है लेकिन सभी विपक्षी नेताओं ने इसे राजनीतिक कार्यक्रम बताकर इसका बहिष्कार कर दिया है। आयोजकों ने फिल्म स्टारों और क्रिकेटरों को भी आमंत्रित किया है लेकिन मंदिर आंदोलन के अगुआ नेता लालकृष्ण आडवाणी और डॉ मुरली मनोहर जोशी को निमंत्रणपत्र देने के साथ ही अयोध्या आने के लिए मना कर दिया गया है।
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