बिहार में बीजेपी-जेडीयू का गठबंधन ठीकठाक चल रहा है। लेकिन नीतीश की भाव भंगिमा बदल रही है। उनके मुंह से आज जिस तरह राज्यसभा में जाने की बात निकली, वो एकदम से अप्रत्याशित थी।
नीतीश से पत्रकारों ने पूछा था कि क्या वह नालंदा से संसद के लिए लड़ने पर विचार कर रहे हैं, क्योंकि वह वहां का लगातार दौरा कर रहे हैं। जहां से वो पांच बार जीत हासिल कर चुके हैं। सीएम ने कहा कि कोई मौका ही नहीं है। लेकिन यह पूछे जाने पर कि क्या वह राज्यसभा के सदस्य बनना चाहेंगे, उन्होंने कहा: मुझे राज्यसभा जाने में कोई दिक्कत नहीं होगी, लेकिन अभी के लिए, मेरे पास मुख्यमंत्री की जिम्मेदारियां हैं। मैं 16 से मुख्यमंत्री हूं। आगे मुझे कुछ नहीं पता...
नीतीश की इस इच्छा की राजनीतिक हलकों में अलग-अलग तरह से व्याख्या की जा रही है। बिहार एनडीए के नेताओं के एक वर्ग का विचार है कि या तो उन्हें दिल्ली में एक प्रतिष्ठित पद के बारे में बताया गया है या उन्होंने बीजेपी नेतृत्व के सामने अपने पत्ते फेंके हैं कि वे इस ऑप्शन पर विचार कर सकते हैं।
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