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राहुल-खड़गे के बयानों को संसद की कार्यवाही से निकाला, क्या सत्य छिप जाएगा

लोकसभा के इतिहास में 1 जुलाई 2024 का दिन नेता विपक्ष राहुल गांधी के नाम पर लिख उठा है। लेकिन तिलमिलाए सत्ता पक्ष को राहुल का भाषण पसंद नहीं आया। यही वजह है कि उनके भाषण के तमाम अंशों को सदन की कार्यवाही से निकाल दिया गया। इसके जवाब में राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा, "पीएम मोदी की दुनिया में सब कुछ हटा दिया गया है।" आगे हम आपको बताएंगे कि संसद की कार्यवाही से राहुल की किन बातों को हटाया गया लेकिन राहुल का पूरा बयान पहले जानिए-

मोदी जी की दुनिया में, सच को मिटाया जा सकता है। लेकिन हकीकत में, सच को नहीं मिटाया जा सकता। मुझे जो कहना था मैंने कह दिया, वही सच है। वे जितना चाहें उतना मिटा सकते हैं। सच तो सच है।


-राहुल गांधी, नेता विपक्ष 2 जुलाई 2024 सोर्सः पीटीआई

राहुल की किन बातों को हटाया

विपक्ष के नेता के रूप में अपने पहले संबोधन में, राहुल गांधी ने भाजपा के नेताओं पर लोगों को सांप्रदायिक आधार पर विभाजित करने का आरोप लगाया। गांधी ने इस बात पर प्रकाश डालने के लिए पैगंबर मुहम्मद का हवाला दिया कि कुरान निर्भयता की बात करता है। सदन की कार्यवाही से राहुल की इस टिप्पणी को हटा दिया गया है।

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राहुल के आरोप जो हटाए गए

  • भाजपा अल्पसंख्यकों के साथ गलत व्यवहार कर रही है।
  • मोदी जी के दोस्त अडानी और अंबानी।
  • नीट परीक्षा अमीर लोगों के लिए है और मेधावी छात्रों के लिए इसमें जगह नहीं है।
  • अग्निवीर योजना भारतीय सेना की नहीं, बल्कि पीएमओ (प्रधान मंत्री कार्यालय) की है।

पीएम मोदी ने राहुल के भाषण के दौरान दो बार हस्तक्षेप किया। कम से कम पांच कैबिनेट मंत्रियों ने गांधी के भाषण के दौरान टोकाटाकी की। राहुल का भाषण लगभग एक घंटे और 40 मिनट तक चला। गृह मंत्री अमित शाह ने उनसे माफी की मांग की।

राहुल गांधी ने कहा, "यह सिर्फ एक ही धर्म नहीं है जो साहस की बात करता है। वास्तव में, हमारे सभी धर्म साहस की बात करते हैं।" राहुल की बहन प्रियंका भी दर्शक दीर्घा से राहुल के भाषण को गौर से सुन रही थीं।

जब मोदी और उनके मंत्रियों ने राहुल को टोकना जारी रखा और सत्ता पक्ष के सदस्य विरोध में खड़े हुए, गांधी ने भाजपा की आलोचना करते हुए कहा, "आप हिंदू नहीं हैं।" उन्होंने कहा, ''हिंदू धर्म में स्पष्ट रूप से लिखा है कि सच्चाई के साथ खड़ा होना चाहिए और सच्चाई से पीछे नहीं हटना चाहिए या उससे डरना नहीं चाहिए।'' इसके बाद मोदी ने राहुल के बयान को हिन्दुओं पर हमला बता दिया। फिर क्या था, राहुल ने उस पर करारा जवाब दिया। राहुल ने कहा- मोदी पूरा हिन्दू समाज नहीं हैं। भाजपा और आरएसएस हिन्दू समाज के ठेकेदार नहीं हैं। राहुल के स्पष्ट बयान से भाजपा के लोग भी दांतों तले ऊंगली दबा बैठे।

खड़गे के बयान को भी हटाया

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के अंश भी संसद के रिकॉर्ड से हटा दिए गए। एक आधिकारिक दस्तावेज़ के अनुसार, खड़गे के संसद भाषण रिकॉर्ड से 'सत्यनाश' (विनाश), 'घमंड' (अहंकार), 'मुजरा' (भारत में मुगल शासन के दौरान महिलाओं द्वारा किया जाने वाला नृत्य प्रदर्शन) जैसे शब्द हटा दिए गए। ऐसे शब्दों के अलावा सदन ने खड़गे के कुछ बयानों को भी सदन से हटा दिया, जिसमें उन्होंने पीएम मोदी पर समाज को बांटने और गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया था। खड़गे ने मोदी पर समाज को तोड़ने का आरोप लगाया।

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यहां यह बताना जरूरी है कि पीएम मोदी ने ही सबसे पहले झारखंड की चुनावी रैली में मुजरा शब्द विपक्ष के लिए इस्तेमाल किया था। उस समय भाजपा के नेता मोदी के इस भाषण का स्वागत करते हुए घूम रहे थे। लेकिन सोमवार 1 जुलाई को जब खड़गे ने मुजरा शब्द का इस्तेमाल किया तो राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मुजरा को अमर्यादित शब्द बताया और सदन की कार्यवाही से निकालने को कहा।
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क़मर वहीद नक़वी
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