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राहुल का नीट पर बड़ा बयान- मोदी के इशारे पर हमें बोलने नहीं दिया जा रहा

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि नीट पर बहस नहीं होने देने के लिए नेता विपक्ष राहुल गांधी का माइक शुक्रवार को लोकसभा में बंद कर दिया गया। कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने दावा किया कि विपक्ष के नेता (एलओपी) राहुल गांधी का माइक्रोफोन बंद होने के बाद सदन में हंगामा हुआ। बाद में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने अलग से युवकों के नाम वीडियो बयान जारी कर आरोप लगाया कि पीएम मोदी के इशारे पर उन्हें और विपक्ष को संसद में बोलने नहीं दिया जा रहा है। 

कांग्रेस ने एक्स पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें राहुल गांधी स्पीकर ओम बिड़ला से माइक्रोफोन तक पहुंच का अनुरोध कर रहे हैं। राहुल गांधी ने NEET विवाद पर बहस की मांग की और सरकार से बयान की मांग की। इसी तरह राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का माइक भी बंद कर दिया गया। कांग्रेस ने इस वीडियो को भी जारी किया है।

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कांग्रेस ने कहा- देश में पेपर लीक से पीड़ित छात्रों की आवाज कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खड़गे
ने सदन में उठाई लेकिन उनका 'माइक ऑफ' कर दिया गया। पेपर लीक के मामले पर ये सरकार खुद तो खामोश है ही, लेकिन अब वो पेपर लीक के विरोध में उठने वाली आवाजों को भी दबाना चाहती है।

राहुल का मोदी पर हमला

लोकसभा और राज्यसभा में जब विपक्ष को नीट पर नहीं बोलने दिया गया तो इस पर कांग्रेस सांसदों ने विरोध जताया। लोकसभा में स्पीकर ओम बिड़ला ने और राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया। लेकिन नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने दोपहर में अपना एक वीडियो बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने नीट पर अपनी बात रखते हुए सीधे पीएम मोदी पर हमला किया।
राहुल गांधी ने वीडियो बयान में कहा कि जहां तक ​नीट का सवाल है, हर कोई जानता है कि पेपर लीक हो गया था और कुछ लोगों ने हजारों-करोड़ों पैसे कमाए। उन सभी छात्रों के सपनों और आकांक्षाओं को नष्ट कर दिया गया और उनका मजाक उड़ाया गया। इसलिए, कल विपक्ष की बैठक में मैंने छात्रों का मुद्दा उठाया था और कहा कि हमें इस पर पूरा एक दिन चर्चा करना चाहिए क्योंकि हम अपने छात्रों की परवाह करते हैं, हम अपने छात्रों पर विश्वास करते हैं जो हमारे देश का भविष्य हैं। सभी विपक्षी दलों का सर्वसम्मत निर्णय था कि हमें सौहार्दपूर्ण तरीके से शांतिपूर्ण चर्चा करनी चाहिए। 

राहुल गांधी ने वीडियो बयान में कहा- जब मैंने इस मुद्दे को संसद में उठाया, तो मुझे बोलने की अनुमति नहीं दी गई, जबकि इससे 2 करोड़ छात्र प्रभावित हुए, 7 वर्षों में 70 बार पेपर लीक हुए। यह स्पष्ट है कि एक व्यवस्थित समस्या है, इसमें भारी भ्रष्टाचार है। हम इसे जारी नहीं रख सकते। हमें इस मुद्दे का समाधान अवश्य खोजना चाहिए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री, जिन्हें चर्चा का नेतृत्व करना चाहिए, वे बहस ही नहीं चाहते। हम बहस के लिए तैयार हैं और हम सरकार से लड़ना नहीं चाहते हैं और सिर्फ अपने विचार मेज पर रखना चाहते हैं। लेकिन मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री के इशारे पर हमें बोलने नहीं दिया जा रहा है।

ओम बिड़ला भी विवाद के केंद्र में18वीं लोकसभा में स्पीकर बनते ही ओम बिड़ला विवादों में आ गए हैं। सबसे पहले उन्होंने 50 साल पुरानी घटना आपातकाल के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ लोकसभा में निन्दा प्रस्ताव पारित कराया। इसके बाद गुरुवार को कांग्रेस के मुताबिक उन्होंने आपत्तिजनक ढंग से कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा को टोका।   

दरअसल, यह मामला तब बढ़ा जब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कांग्रेस सदस्य दीपेंद्र हुड्डा की कुछ टिप्पणियों को लेकर आलोचना की। सांसद शशि थरूर ने सदन के सदस्य के रूप में शपथ लेने के बाद 'जय हिंद, जय संविधान' का नारा लगाया था। विपक्षी सदस्यों ने भी थरूर के साथ 'जय संविधान' का नारा लगाया, तो बिरला ने टिप्पणी की, "वह पहले से ही संविधान की शपथ ले रहे हैं।"

इस पर रोहतक से सदस्य दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि अध्यक्ष को इस पर आपत्ति नहीं करनी चाहिए। इसके बाद अध्यक्ष ने हुड्डा को संबोधित करते हुए कहा, 'मुझे इस बारे में कोई सलाह न दो कि मुझे किस बात पर आपत्ति करनी चाहिए या किस पर नहीं। अपनी सीट पर बैठ जाओ।' 

इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने आश्चर्य जताया कि क्या संसद में 'जय संविधान' नहीं कहा जा सकता।

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क़मर वहीद नक़वी
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