कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने रफ़ाल पर तैयार सीएजी की रिपोर्ट को सिरे से खारिज करते हुए इस पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसे सीएजी यानी चौकीदार ऑडिटरर जनरल की रिपोर्ट क़रार दिया है। उनका इशारा इस ओर था कि सीएजी की रिपोर्ट निष्पक्ष नहीं है और यह सरकार के समर्थन में खड़ी दिखती है।
राहुल गाँधी ने बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए सरकार को निशाने पर लिया और सीएजी पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार के समय जो बातचीत चल रही थी, उसके मुताबिक जितने पैसे में 126 विमान मिल रहे थे, नरेंद्र मोदी की सरकार ने उतने ही पैसों में सिर्फ 36 विमान खरीदे हैं। उन्होंने इसे भ्रष्टाचार की जड़ बताते हुए कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि इतने पैसे में 36 विमान ही क्यों लिए गए। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि जहाँ तक भारतीय ज़रूरतों के मुताबिक विमानों में बदलाव करने की बात है, तो यह पहले से तय था। उनकी पार्टी के समय जो बातचीत चल रही थी, उसमें भी इस तरह के बदलाव करने की बात तय हुई थी।
राहुल गाँधी ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर हमला बोलते हुए कहा कि मंत्री ने रफ़ाल सौदे पर सदन के अंदर झूठ बोला है और देश को गुमराह किया है। सीएजी की रपट में कहा गया है कि रफ़ाल सौदा ढाई प्रतिशत सस्ता हुआ है, जबकि सीतारमण ने कहा था कि 9 प्रतिशत सस्ता हुआ है। सीएजी की रिपोर्ट को सच मान लें तो भी रक्षा मंत्री का झूठ पकड़ा जाता है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सीएजी की रिपोर्ट में कहीं भी विमान की वास्तविक कीमत नहीं बताई गई है। सिर्फ़ प्रतिशत बताया गया है। सही और पूरी कीमत क्यों नहीं है वहाँ? यदि कीमत बताई जाती तो पता चलता कि पहले की कीमत क्या थी और जिस कीमत पर क़रार पर दस्तख़त हुआ, वह कीमत क्या है। पर सीएजी ने सिर्फ प्रतिशत दिया है।
राहुल गाँधी ने नरेंद्र मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि यदि वाकई कोई घपला नहीं हुआ है तो सरकार संयुक्त संसदीय जाँच से इनकार क्यों कर रही है। सरकार इतनी ही साफ़ है तो जेपीसी की माँग मान ले।
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