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स्पीकर ने मुझसे सीधे खड़े होकर तो पीएम के सामने झुककर हाथ मिलाया: राहुल

विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हाथ मिलाने के तौर तरीक़ों को लेकर सदन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि नोटिस किया कि स्पीकर बिरला ने जब मुझसे हाथ मिलाया तो सीधे खड़े थे, लेकिन जब पीएम मोदी से हाथ मिलाया तो 'झुककर'। राहुल के इस बयान पर लोकसभा स्पीकर के साथ उनकी बहस भी हुई।

राहुल गांधी लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे। इसी दौरान उन्होंने उनसे पूछा कि जब वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले तो उनका व्यवहार अलग क्यों था। राहुल गांधी ने स्पीकर को संबोधित करते हुए कहा, 'जब आपने मुझसे हाथ मिलाया तो मैंने एक बात नोटिस की। जब आपने मुझसे हाथ मिलाया तो आप सीधे खड़े थे। लेकिन जब आपने मोदीजी से हाथ मिलाया तो आप उनके सामने झुककर खड़े थे।'

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राहुल गांधी के बयान पर जहां विपक्षी गुट ने खुशी जताई, वहीं एनडीए सांसदों ने इस पर आपत्ति जताई। इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने खड़े होकर कहा कि यह आसन के खिलाफ आरोप है।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राहुल गांधी के सवाल के जवाब में कहा, 'माननीय प्रधानमंत्री सदन के नेता हैं और यह मेरी संस्कृति और नैतिकता में है कि मैं अपने बड़ों से मिलते समय झुकता हूं और अपने उम्र के लोगों के साथ समान व्यवहार करता हूं।' ओम बिरला ने कहा, 'मेरी नैतिकता यह है कि हम बड़ों के सामने झुकते हैं और ज़रूरत पड़ने पर उनके पैर भी छूते हैं।' कांग्रेस नेता यहीं नहीं रुके और आगे कहा, 'मैं आपके विचारों को सम्मानपूर्वक स्वीकार करता हूं, लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि सदन में अध्यक्ष से बड़ा कोई नहीं है।'

राहुल गांधी के इस बयान को सोशल मीडिया पर खूब साझा किया गया। सोशल मीडिया पर वो वीडियो भी सामने आया जिसका ज़िक्र राहुल गांधी अपने भाषण के दौरान कर रहे थे।
बहरहाल, राहुल ने कहा, 'अध्यक्ष सदन में सबसे ऊपर हैं और हम सभी को उनके सामने झुकना चाहिए।' राहुल गांधी ने कहा कि वह और पूरा विपक्ष अध्यक्ष के सामने झुकते हैं। राहुल गांधी ने कहा, 'आप अध्यक्ष हैं और आपको किसी के सामने झुकना नहीं चाहिए।' कांग्रेस नेता ने कहा कि लोकसभा में अध्यक्ष का फैसला अंतिम होता है और इस भावना से सदन के सदस्य के तौर पर हम उनके अधीन हैं।
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राहुल के अग्निवीर वाले बयान पर राजनाथ का पलटवार

लोकसभा में पहली बार विपक्ष के नेता बने राहुल गांधी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बीच अग्निवीरों को लेकर तीखी बहस देखने को मिली। राहुल ने लोकसभा में अग्निपथ योजना को लेकर सरकार पर निशाना साधा और इसे सरकार के लिए 'इस्तेमाल करो और फेंक दो' वाली योजना करार दिया। इस योजना के तहत भर्ती किए गए लोगों को अग्निवीर कहा जाता है। उन्होंने कहा, 'एक अग्निवीर ने बारूदी सुरंग विस्फोट में अपनी जान गँवा दी, लेकिन उसे 'शहीद' नहीं कहा जाता। मैं उसे शहीद कहता हूँ, लेकिन भारत सरकार उसे शहीद नहीं कहती। प्रधानमंत्री मोदी उसे शहीद नहीं कहते। वह उसे अग्निवीर कहते हैं। उसके परिवार को पेंशन नहीं मिलेगी। उन्हें मुआवजा नहीं मिलेगा। उसे शहीद नहीं कहा जाएगा। उसके लोगों को पेंशन नहीं मिलेगी। उन्हें मुआवजा नहीं मिलेगा। अग्निवीर को मजदूर की तरह इस्तेमाल किया जाता है और फेंक दिया जाता है।' 

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इस योजना के तहत 17.5 वर्ष से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को चार साल की अवधि के लिए भर्ती किया जाता है। इन भर्तियों में से 25 प्रतिशत को 15 और वर्षों तक बनाए रखने का प्रावधान है। शेष को उनकी सेवा समाप्त होने पर वित्तीय पैकेज दिया जाएगा।

इस पर राजनाथ सिंह विरोध करने के लिए खड़े हो गए। रक्षा मंत्री ने कहा, 'राहुल गांधी को गलत बयान देकर सदन को गुमराह करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। हमारी सीमाओं की रक्षा करते हुए या युद्ध के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले अग्निवीर के परिवार को एक करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है।' राहुल ने विरोध जताते हुए कहा, 'गलत। नहीं है सर; गलत। नहीं है सर।' राहुल ने अपने भाषण में मुआवजा और पेंशन दोनों का इस्तेमाल किया और जवाब देते हुए राजनाथ सिंह ने मुआवजा शब्द का इस्तेमाल किया। 

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क़मर वहीद नक़वी
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