कांग्रेस नेता राहुल गांधी शनिवार को बंगला खाली कर सकते हैं। सूरत की अदालत द्वारा दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद राहुल की संसद सदस्यता चली गई थी और उन्हें बंगला खाली करने को कहा गया था। गुरुवार को ही उस सजा के मामले में गुजरात की एक अदालत ने राहुल को कोई राहत नहीं दी है। राहुल ने मोदी उपनाम मानहानि मामले में अपनी सजा पर रोक लगाने का अनुरोध किया था जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।
राहुल गांधी को लोकसभा सांसद के रूप में मध्य दिल्ली के तुगलक लेन में आधिकारिक बंगला आवंटित था। लेकिन संसद से अयोग्य होने के बाद उन्हें बंगला छोड़ने को कहा गया था। लोकसभा हाउसिंग पैनल द्वारा राहुल गांधी के लिए घर खाली करने की समय सीमा रविवार तक निर्धारित की गई है।
राहुल को 27 मार्च को बंगला खाली करने का नोटिस मिला था। वह 2005 से उस बंगले में रह रहे थे। एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि तय समय से एक दिन पहले शनिवार को राहुल बंगला खाली कर देंगे। बंगला छोड़ने का उनका फ़ैसला आख़िरकार अदालत के ताज़ा झटके के बाद आया।
लोकसभा हाउसिंग पैनल ने राहुल को उनकी अयोग्यता के बाद बेदखली का नोटिस भेजा था। सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के अनुसार, दो साल की सजा पाने वाला दोषी व्यक्ति सांसद नहीं हो सकता है, और इस वजह से वह अब उस बंगले में नहीं रह सकते हैं।
इस सजा के साथ ही राहुल गांधी आठ साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे, जब तक कि कोई ऊपरी न्यायालय उनकी दोषसिद्धि और सजा पर रोक नहीं लगाता।
हालाँकि, गुजरात की अदालत ने राहुल को अपील दायर करने के लिए 30 दिन का समय दिया था। राहुल ने अपील दायर की, लेकिन वह खारिज हो गयी। इसका मतलब है कि अभी वह सांसद के रूप में बहाल नहीं किये जा सकते हैं।
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