यूक्रेन में फँसे हज़ारों भारतीयों की पीड़ा को लेकर राहुल गांधी, वरुण गांधी समेत विपक्षी दलों के नेताओं ने सरकार पर निशाना साधा है और उन्हें तुरंत वापस लाने को कहा है। उन्होंने कुछ भारतीयों को वापस लाने पर वीडियो बनाकर अपनी पीठ थपथपाने के कथित प्रयास के लिए सरकार की खिंचाई की है। राहुल गांधी ने कहा है कि सरकार को भारतीयों को वापस लाने की योजना बताना चाहिए और 'अपनों को इस तरह से नहीं छोड़ा जा सकता है'।
राहुल गांधी ने एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया है, 'इस तरह की हिंसा झेल रहे भारतीय छात्रों और इन वीडियो को देखने वाले उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदना है। किसी भी अभिभावक को इससे नहीं गुजरना चाहिए। भारत सरकार को तत्काल विस्तृत निकासी योजना को फंसे हुए लोगों के साथ-साथ उनके परिवारों के साथ साझा करना चाहिए। हम अपनों को ऐसे नहीं छोड़ सकते।'
My heart goes out to the Indian students suffering such violence and their family watching these videos. No parent should go through this.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 28, 2022
GOI must urgently share the detailed evacuation plan with those stranded as well as their families.
We can’t abandon our own people. pic.twitter.com/MVzOPWIm8D
कांग्रेस पार्टी यूक्रेन से भारतीय छात्रों को समय पर नहीं निकालने के लिए सरकार की आलोचना कर रही है और उन्हें बाहर निकालने के लिए तत्काल क़दम उठाने का आह्वान किया है।
कई कांग्रेस नेताओं ने यूक्रेन में भारतीय छात्रों की दुर्दशा को उजागर करते हुए और भारत सरकार से उन्हें जल्द से जल्द निकालने की अपील करते हुए वीडियो साझा किए हैं।
प्रियंका गांधी ने भी कहा है, 'नरेंद्र मोदी जी, डॉ. एस जयशंकर जी यूक्रेन से आ रहे भारतीय छात्र-छात्राओं के वीडियो मन को बहुत ही ज्यादा व्यथित करने वाले हैं। इन बच्चों को भारत वापस लाने के लिए जो कुछ भी बन पड़ता है, भगवान के लिए, वह करिए। पूरा देश इन छात्र-छात्राओं और इनके परिवारों के साथ है।...'
All the ministers who were prancing and preening at the arrival of students for tv visuals should be sent to the Ukraine borders to give the same pep talk to Indians stranded there. Hope somewhere they feel some guilt for choosing chest thumping over sensitivity&priority.
— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) February 28, 2022
सही समय पर सही फैसले न लिए जाने के कारण 15 हजार से अधिक छात्र भारी अव्यवस्था के बीच अभी भी युद्धभूमि में फंसे हुए है।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) February 28, 2022
ठोस रणनीतिक और कूटनैतिक कार्यवाही कर इनकी सुरक्षित वापसी इन पर कोई उपकार नहीं बल्कि हमारा दायित्व है।
हर आपदा में ‘अवसर’ नही खोजना चाहिए। pic.twitter.com/6GIhJpmcDF
मोदी जी,
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) February 27, 2022
आप देश के बच्चे/बच्चियों पर ऐसे ज़ुल्म देखकर भी मुँह फ़ेर लेंगे?
4 दिनों से बम/मिसाईलों से जान बचाते भारतीयों से क्या ऐसी क्रूरता भी होगी?
'सलाह' की बजाय हज़ारों भारतीयों को सुरक्षित लाने की कोई तैयारी है?
क्या आप प्रचार छोड़कर जिम्मेदारी निभाएंगे?#UkraineRussiaWar pic.twitter.com/uvHrLUckcM
यूक्रेन में फँसे भारतीयों के परेशान करने वाले वीडियो, उनके परिजनों और विपक्ष के दबाव के बीच सरकार ने अब और कुछ क़दम उठाने की बात कही है।
यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों व अन्य नागरिकों के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को हाई लेवल बैठक बुलाई। इस बैठक में फैसला लिया गया कि चार केंद्रीय मंत्रियों को वहां फंसे भारतीयों को लाने के लिए यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजा जाएगा। इन मंत्रियों में हरदीप सिंह पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरण रिजिजू और जनरल वीके सिंह शामिल हैं। इस हाई लेवल बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी मौजूद रहे।
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