loader

सांसद बहाली के बाद राहुल संसद पहुंचे, 'नफरत पर मोहब्बत की जीत'

लोकसभा सचिवालय द्वारा सोमवार को सांसद के रूप में उनकी वापसी को मंजूरी मिलने के कुछ घंटों बाद राहुल गांधी सोमवार को संसद पहुंचे। दोपहर 12 बजे शुरू होने वाली लोकसभा की कार्यवाही में भाग लेने से पहले उन्होंने गांधी प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की। और इसके बाद संसद में घुसे। हालाँकि न तो लोकसभा और न ही राज्यसभा में कार्यवाही ज़्यादा चल पाई। हंगामे की वजह से दोनों सदनों को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

कांग्रेस ने राहुल गांधी के संसद भवन पहुँचने के वीडियो को साझा करते हुए ट्वीट किया है कि 'ये करोड़ों भारतवासियों की जीत है। असत्य के खिलाफ सत्य की जीत है। नफ़रत के ख़िलाफ़ मोहब्बत की जीत है।'

पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगा दी थी। सूरत के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 499 और 500 तहत आपराधिक मानहानि का दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी। इसी दो साल की सजा की वजह से राहुल गांधी को मौजूदा लोकसभा सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। और इसी सजा की वजह से आगामी 2024 लोकसभा चुनाव लड़ने की उनकी योग्यता पर सवालिया निशान लगा दिया था।

राहुल गांधी ने अप्रैल में सूरत की सत्र अदालत से कहा था कि मानहानि मामले में मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा उनकी सजा गलत और साफ़ तौर पर विकृत थी। उन्होंने कहा था कि उन्हें इस तरह से सजा सुनाई गई थी ताकि संसद सदस्य के रूप में अयोग्यता के दायरे में लाया जा सके। राहुल गांधी को झटका देते हुए गुजरात उच्च न्यायालय ने 7 जुलाई को दोषसिद्धि पर रोक लगाने की उनकी याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि 'राजनीति में शुद्धता' समय की ज़रूरत है। इसके बाद राहुल ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।

ताज़ा ख़बरें

बहरहाल, पिछले हफ़्ते सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आने के बाद राहुल की सदस्यता बहाल करने के लिए काफ़ी दबाव था। आज जब उनकी सदस्यता बहाल कर दी गई तो कांग्रेस ने ट्वीट किया, 'नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जीत'।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'यह भारत के लोगों और विशेष रूप से वायनाड के लिए राहत है। भाजपा और मोदी सरकार के कार्यकाल का जो भी समय बचा है, उसका उपयोग उनको विपक्षी नेताओं को निशाना बनाकर लोकतंत्र को बदनाम करने के बजाय वास्तविक शासन पर ध्यान केंद्रित करके करना चाहिए।'

राहुल की सांसद के रूप में बहाली ऐसे समय में हुई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में बहस होनी है। यह मूल रूप से मणिपुर पर पीएम मोदी के बयान नहीं देने के खिलाफ है। संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई को शुरू हुआ था लेकिन तब से संसद एक भी दिन ठीक से नहीं चल पाई है।
देश से और ख़बरें

हंगामे और नारेबाजी के बीच सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा दोनों दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गईं। राज्यसभा में बीजेपी सांसदों ने जहां कांग्रेस शासित राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ कथित अत्याचार पर चर्चा की मांग की, वहीं विपक्षी दल ने मणिपुर में जारी हिंसा पर चर्चा की मांग बरकरार रखी। संसद के मानसून सत्र का यह आखिरी सप्ताह है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें