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राहुल गांधी ने यूएसए में जाति जनगणना का मुद्दा क्यों उठाया

अमेरिका के छह दिन के दौरे पर आए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर जाति आधारित जनगणना की अपनी मांग दोहराई है और बीजेपी और आरएसएस पर भारत के संविधान पर हमला करने का आरोप लगाया है। दरअसल, राहुल के यूएस में कई जगह कार्यक्रम हो रहे हैं और वो अलग-अलग कार्यक्रमों में जवाब दे रहे हैं।
बुधवार को एक कार्यक्रम में जाति जनगणना के मुद्दे पर राहुल ने कहा - जब हम व्यवस्था में थे, तब हमने जातिगत जनगणना कराई थी। जातिगत जनगणना के पीछे का विचार भारतीय समाज का एक्स-रे करना था ताकि यह पता लगाया जा सके कि समाज की सटीक आबादी क्या है, विभिन्न समुदायों और विभिन्न जातियों के कितने लोग हैं। इसलिए आबादी को जाने बिना और कौन कौन है, धन और शक्ति को प्रभावी ढंग से वितरित करना मुश्किल है।

उन्होंने कहा, "और यही कारण है कि हम भाजपा पर जातिगत जनगणना कराने का दबाव बना रहे हैं और वे ऐसा नहीं कर रहे हैं और जब हम सत्ता में आएंगे तो हम ऐसा करेंगे।"

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राहुल ने यह मुद्दा क्यों उठाया

समझा जाता है कि राहुल गांधी ने जाति जनगणना का मुद्दा अमेरिका में एक रणनीति के तहत उठाया है। अमेरिका में भारत के तमाम ओबीसी समूह और दलित छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं या जॉब में हैं। इनमें दक्षिण भारत से ऐसे छात्रों की तादाद ज्यादा है। हालांकि अमेरिका में अभी भी सवर्ण जाति के लोग ज्यादा रहते हैं। हाल ही में पीएम मोदी के कई कार्यक्रम अमेरिका में हुए। राहुल भारत के जमीनी मुद्दों को अमेरिका में उठा कर मोदी को लेकर वहां चल रहे नेरेटिव को बदलना चाहते हैं।

और क्या कहा राहुल नेः उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस भारत को एक उचित जगह बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और "हम समझते हैं कि दलितों, आदिवासियों, गरीबों और अल्पसंख्यकों की भारत आज एक उचित जगह नहीं है।" उन्होंने कहा, "एक न्याय योजना है जो हर भारतीय को न्यूनतम आय प्रदान कर सकती है, मनरेगा जैसी योजनाएं, सार्वजनिक शिक्षा में वृद्धि, सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा और मुझे लगता है कि ये ऐसी चीजें हैं जो इन वर्गों को लाभ पहुंचा सकती हैं। लेकिन सरकार ने इन योजनाओं को कूड़ेदान में डाल दिया है।"

महिला सशक्तिकरण और संसद में महिला आरक्षण विधेयक के पारित होने में देरी के सवाल पर कांग्रेस नेता ने कहा, 'हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं और पिछली सरकार में हमने इसे पारित करने की कोशिश की थी लेकिन हमारे कुछ सहयोगी इससे खुश नहीं थे। उन्होंने उस बिल को पारित करने की अनुमति नहीं दी। इसलिए मुझे विश्वास है कि अगर हम सत्ता में आए तो हम उस विधेयक को पारित कर देंगे। हम महिलाओं को सशक्त बनाने और राजनीति में उनकी भागीदारी में विश्वास करते हैं।

उन्होंने कहा, “भाजपा और आरएसएस उस विचार और संविधान पर हमला कर रहे हैं। मेरी नजर में तमिल लोगों के लिए उनकी भाषा सबसे महत्वपूर्ण है। यह सिर्फ एक भाषा नहीं है, बल्कि यह उनका इतिहास, संस्कृति और उनके जीवन का तरीका है। और मैं कभी भी तमिल भाषा को खतरे में नहीं पड़ने दूंगा क्योंकि मेरे लिए तमिल भाषा को धमकी देना भारत के विचार को खतरा है। ऐसी ही धमकी बंगाली, पंजाबी, कन्नड़ भाषाओं को दी जाती है। हमारी ताकत हमारी विविधता से आती है। हमारी ताकत यह स्वीकार करने से आती है कि हम सभी अलग हैं लेकिन हम एक साथ काम कर सकते हैं।”

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इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के सचिव वीरेंद्र वशिष्ठ ने कहा कि राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा मोहब्बत के विचार को फैलाने के लिए है और वह अपनी छह दिवसीय यात्रा के दौरान विभिन्न समूहों के साथ बातचीत करेंगे।

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क़मर वहीद नक़वी
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