कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल को पत्र लिखा है। पत्र में राहुल गांधी ने कहा है कि पिछले साल अगस्त में जब कुछ दिनों के लिए उनके ट्विटर अकाउंट को निलंबित किया गया था, उसके बाद से ही ट्विटर पर उनके फॉलोवर्स का बढ़ना रुक गया है। यह निलंबन 8 दिन का था।
27 दिसंबर को लिखे गए पत्र में कांग्रेस की ओर से तुलना करके बताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और कांग्रेस सांसद शशि थरूर के मुकाबले साल 2021 के पहले 7 महीनों में उन्हें हर महीने औसतन चार लाख फॉलोवर्स मिले लेकिन अगस्त के बाद इनका बढ़ना रुक गया।
लेकिन इसके मुकाबले मोदी, शाह और थरूर के नए फॉलोअर्स कई गुना बढ़े हैं। कांग्रेस ने बाकायदा एक टेबल बनाकर इसे समझाया है।
राहुल ने कहा है कि ऐसा होना कोई संयोग नहीं है। ये सब कुछ उन महीनों के दौरान हुआ जब मैंने दिल्ली में बलात्कार पीड़िता के दर्द को उठाया, किसानों के साथ खड़ा रहा और जनहित के कई मुद्दों पर सरकार से लड़ा।
राहुल ने लिखा है कि इस दौरान उनका ‘कृषि कानूनों को रद्द करना ही होगा’ इस विषय पर बनाया गया वीडियो ट्विटर पर हालिया वक्त में किसी भी राजनेता के वीडियो से ज्यादा देखा गया। राहुल ने यह भी कहा है कि उन्हें ट्विटर इंडिया में कुछ सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि उनकी आवाज को चुप कराने के लिए इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सरकार की ओर से काफी दबाव है।
उन्होंने कहा है कि अगस्त में जब कुछ दिनों के लिए उनके अकाउंट को निलंबित किया गया था तो उसके पीछे भी कोई वैध कारण नहीं था और तब भी कई दूसरे टि्वटर हैंडल ने जिन में सरकारी हैंडल भी शामिल थे उन्होंने भी उन्हीं फोटो को ट्वीट किया था।
लेकिन उनमें से किसी के भी अकाउंट पर कार्रवाई नहीं की गई और सिर्फ उनके ही अकाउंट को निशाना बनाया गया। राहुल ने टि्वटर के सीईओ को लिखा है कि वह एक अरब से ज्यादा भारतीयों की ओर से उन्हें यह पत्र लिख रहे हैं।
द वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक़, ट्विटर के प्रवक्ता ने इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की लेकिन यह कहा कि फॉलोवर्स की संख्या कम ज्यादा होती रहती है क्योंकि यह सोशल मीडिया कंपनी स्पैम और किसी तरह की धोखाधड़ी से निपटने के लिए मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करती है। उन्होंने यह भी कहा कि हर हफ्ते लाखों की संख्या में ऐसे ट्विटर अकाउंट हटाए जाते हैं जो उसकी नीतियों का उल्लंघन करते हैं।
हालांकि कांग्रेस में डिजिटल कम्युनिकेशन के प्रभारी श्रीवास्तव वाई.बी. ने कहा कि यह संतोषजनक जवाब नहीं है क्योंकि घटनाओं का जो क्रम है वह ट्विटर के दावों की पुष्टि नहीं करता।
बता दें कि कांग्रेस एक दूसरे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर खासी हमलावर रही थी और उसने फेसबुक को फेकबुक तक कह दिया था। अब देखना होगा कि ट्विटर की ओर से राहुल गांधी के द्वारा इस पत्र में लगाए गए आरोपों का क्या जवाब आता है।
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