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सूरत में राहुल गांधी के ऐसे बैनर, पोस्टर लगाए गए हैं।

राहुल गांधी को सूरत कोर्ट से जमानत मिली, 13 तक अरेस्ट पर रोक

राहुल गांधी आज 3 अप्रैल को गुजरात की सूरत सेशन कोर्ट ने 13 अप्रैल तक जमानत दे दी है। सजा के खिलाफ याचिका पर सुनवाई 13 अप्रैल को होगी। लाइव लॉ के मुताबिक कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर रोक नहीं लगाई है। इससे पहले आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी सजा को चुनौती देते हुए सूरत सत्र न्यायालय अदालत में अपील दायर की। इस तरह राहुल को अब 13 अप्रैल तक गिरफ्तार नहीं किया जा सकेगा। राहुल को निजी पेशी से छूट मिल गई है। शिकायतकर्ता से कहा गया है कि वो 10 अप्रैल तक अपना जवाब दाखिल करे।सूरत में राहुल गांधी के साथ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के अलावा कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री- अशोक गहलोत, भूपेश बघेल और सुखविंदर सिंह सुक्खू भी हैं। सूरत कोर्ट के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की जबरदस्त भीड़ है। कांग्रेस सेवादल के कार्यकर्ता पोस्टर, बैनर लेकर खड़े हैं। पूरा शहर राहुल गांधी के पोस्टर-बैनर से पट गया है। जिसमें डरो मत की अपील की गई है।

लाइव लॉ के मुताबिक अपील दो आवेदनों के साथ की गई है, पहला सजा के निलंबन के लिए आवेदन, जो अनिवार्य रूप से नियमित जमानत के लिए एक आवेदन है, और दूसरा, सजा के निलंबन के लिए आवेदन है। यदि दूसरे आवेदन की अनुमति दी जाती है, तो इस संबंध में लोकसभा सचिवालय की अधिसूचना जारी करने के अधीन, लोकसभा की उनकी सदस्यता बहाल कर दी जाएगी।

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि उसके कार्यकर्ताओं को सूरत शहर में प्रवेश करने से रोक दिया गया। पार्टी प्रवक्ता ने हिरासत में लिए गए कार्यकर्ताओं के कथित दृश्यों को साझा करते हुए अपने ट्विटर पर लिखा- गुजरात की भाजपा सरकार द्वारा कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को सूरत जाने से रोकने के लिए अवैध गिरफ्तारी की लगातार खबरें आ रही हैं।

मानहानि के मामले में उनकी सजा और दो साल की सजा के खिलाफ वहां की सत्र अदालत में अपील की जाएगी। भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। राहुल ने 2019 में कोलार (कर्नाटक) बयान दिया था कि "सभी चोरों का एक ही उपनाम मोदी कैसे हो सकता है?"

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कांग्रेस नेता और राजस्थान के सीएम ने सूरत में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और कहा,- हमें न्यायपालिका पर भरोसा है। हम यहां अपनी एकता दिखाने के लिए हैं। हम देश को बचाने के लिए 'सत्याग्रह' कर रहे हैं। देश देख रहा है कि इंदिरा गांधी के पोते और राजीव गांधी का बेटा किस तरह सच्चाई के लिए संघर्ष कर रहा है।

कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने गुजरात में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की 'अवैध गिरफ्तारी' की निंदा की है। रमेश ने सोमवार को ट्वीट किया, "कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को सूरत जाने से रोकने के लिए गुजरात की भाजपा सरकार द्वारा अवैध गिरफ्तारी की लगातार खबरें आ रही हैं। भाजपा का अलोकतांत्रिक चेहरा बार-बार उजागर हो रहा है।"

सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एच एच वर्मा की अदालत ने 23 मार्च को गांधी को दोषी ठहराया था। उन्हें आपराधिक मानहानि के मामले में दो साल की जेल की सजा सुनाई थी। लेकिन अदालत ने उन्हें फौरन जमानत भी दे दी थी और हाईकोर्ट में अपील करने के लिए 30 दिनों के लिए सजा को निलंबित कर दिया था। गांधी को 24 मार्च को सूरत की अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

राहुल और बाकी नेताओं के आज सूरत जाने पर बीजेपी ने आरोप लगाया कि ऐसा अदालत पर दबाव बनाने के लिए किया जा रहा है। इस पर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने पलटवार करते हुए कहा - मैं अपने नेता (राहुल गांधी) के साथ जा रहा हूं, यह न्यायपालिका पर दबाव कैसे हो सकता है? वे (भाजपा) पश्चिम बंगाल और बिहार में हंगामा कर रहे हैं। अभी तक पीएम मोदी और अमित शाह की ओर से कोई अपील नहीं आई है।

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राहुल गांधी पर 2019 की टिप्पणी के लिए बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी द्वारा दायर मानहानि का एक और मुकदमा भी चल रहा है। पटना की एक अदालत ने कथित तौर पर मामले के सिलसिले में कांग्रेस नेता को 12 अप्रैल को पेश होने का निर्देश दिया है। लोकसभा से राहुल की सदस्यता रद्द किए जाने के बाद कांग्रेस देश भर में विरोध प्रदर्शनों में मुखर रही है। निचले सदन में राहुल की हारे हुए सदस्यता के मद्देनजर पुरानी पार्टी अपने आसपास समान विचारधारा वाले विपक्षी खिलाड़ियों को एकजुट करने का प्रयास कर रही है।

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क़मर वहीद नक़वी
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