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चीन मुद्दा- राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता क्योंकि 'मिस्टर 56' डरे हुए हैं: राहुल गांधी

चीन और एलएसी के मामले को लेकर राहुल गांधी ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ किया जा रहा है क्योंकि 'मिस्टर 56 इंच' डर गए हैं। राहुल ने यह भी कहा है कि चीन पर सरकार के पास कोई रणनीति नहीं है। 

उन्होंने आगे कहा, 'मेरी संवेदनाएँ हमारी सीमाओं की रक्षा के लिए अपनी जान जोखिम में डालने वाले सैनिकों के साथ हैं, जबकि केंद्र सरकार झूठ पर झूठ बोल रही है।' राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए पीटीआई की एक ख़बर को साझा किया है जिसका शीर्षक है- 'चीन मुद्दे पर विदेश मंत्रालय और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की अलग राय'।

राहुल ने जिस ख़बर को ट्वीट किया है उसमें चीफ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ़ यानी सीडीएस बिपिन रावत का बयान है और उसमें उन्होंने गुरुवार को कहा था कि चीनी के भारतीय क्षेत्र में आने और एक नया गांव बनाने का विवाद सच नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि गाँव वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी के चीनी पक्ष के भीतर है। उन्होंने कहा कि चीन ने एलएसी की भारतीय धारणा का उल्लंघन नहीं किया है।

जबकि विदेश मंत्रालय ने कहा है कि चीन ने भारतीय क्षेत्र पर 'अवैध कब्जा' किया है और भारत 'अन्यायपूर्ण चीनी दावों' को स्वीकार नहीं करेगा।

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ये बयान तब आए हैं जब अपनी हालिया रिपोर्ट में अमेरिकी रक्षा विभाग ने कहा है कि चीन ने अपने तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र और भारत के अरुणाचल प्रदेश के बीच एलएसी के पूर्वी क्षेत्र में विवादित हिस्से के अंदर एक बड़ा गाँव बनाया है।

इससे पहले अमेरिकी रिपोर्ट पर एक आधिकारिक प्रतिक्रिया में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत ने न तो चीन के 'अपने क्षेत्र पर अवैध कब्जे और न ही किसी भी अनुचित चीनी दावों' को स्वीकार किया है।

इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने भी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि यही वह समय है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपने मंत्रालय में एक रेखा खींचें और सीडीएस को अपनी सीमा में रहने के लिए कहें। 

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बता दें कि हाल के दिनों में भारतीय सीमा क्षेत्र में चीन के उकसावे वाली कई रिपोर्टें आती रही हैं। पिछले महीने भारत और चीन दोनों देशों के बीच 13वें दौर की सैन्य वार्ता के दौरान पूर्वी लद्दाख में कई बिंदुओं पर वार्ता में हल नहीं निकला। कुछ मुद्दों पर क़रीब 18 महीने से गतिरोध अभी भी बरकरार है। 
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क़मर वहीद नक़वी
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