उद्योगपति राजीव बजाज ने कहा है कि भारत में ‘बेरहम लॉकडाउन’ लागू किया गया और उन्होंने दुनिया भर में कहीं भी इस तरह के लॉकडाउन के बारे में नहीं सुना। बजाज ऑटो के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव बजाज ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ बातचीत में कहा, ‘दुनिया में कहीं भी इतना सख़्त लॉकडाउन नहीं हुआ है। लॉकडाउन ने अर्थव्यवस्था को बुरी तरह ध्वस्त कर दिया। लॉकडाउन के परिणाम ख़राब रहे हैं।’
बजाज ने कहा कि जैसा कि हम जापान और स्वीडन से सुन रहे हैं, वे सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सैनिटाइजेशन का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन वे बिना किसी लक्ष्य के आगे जाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘लोगों को लगता है कि यह कोई संक्रामक बीमारी या कैंसर जैसी है। लोगों को ऐसा लगा कि जब नामी-गिरामी लोग इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं तो वे क्यों नहीं।’
राहुल गांधी ने बजाज से कहा, ‘मुझसे विशेषज्ञों ने कहा कि जब आप कंप्लीट लॉकडाउन लागू करते हैं तो आप बीमारी की प्रकृति को बदल देते हैं। ऐसी बीमारी जो घातक नहीं है, आप उसे लोगों के दिमाम में घातक बना देते हैं और एक बार जब आप ऐसा कर देते हैं तो आपको सामान्य स्थिति में लौटने में लंबा समय लगता है।’ कांग्रेस नेता ने कहा कि एक बार लॉकडाउन में चले जाने के बाद आपके लिए इससे निकलना आसान नहीं होता।
राहुल ने बजाज से कहा कि यह लॉकडाउन पूरी तरह फ़ेल रहा है और दुनिया में अकेला ऐसा लॉकडाउन है, जिसमें लॉकडाउन खुलने पर बीमारी बढ़ती जा रही है।
वायनाड से सांसद राहुल ने कहा, ‘हमें इस लड़ाई को केंद्र से जिलों तक ले जाना चाहिए था और मुख्यमंत्रियों को लड़ाई में सक्षम बनाना चाहिए था। अब केंद्र सरकार अपने क़दम पीछे खींच चुकी है और उसने सब राज्यों पर छोड़ दिया है।’ राहुल ने कहा कि हमें अर्थव्यवस्था में पैसा डालना होगा।
बजाज ने कहा कि एक आम नागरिक के रूप में हमारी धारणा यह बन रही है कि सब कुछ किसी रणनीति के तहत न होकर जिम्मेदारी दूसरे के सिर पर डालने के रूप में हो रहा है।
'राहुल से बात करने में जोख़िम'
बजाज ने कहा, ‘मैंने किसी से कहा कि मैं कल 12 बजे राहुल गांधी से बात करने जा रहा हूं और ये बातें करूंगा। इस पर उसकी पहली प्रतिक्रिया थी, नहीं, ऐसा मत करो। मैंने पूछा लेकिन क्यों? तो उसने कहा कि इससे आपके लिए मुसीबत पैदा हो सकती है। मैंने कहा कि मैंने कुछ सख़्त बातें की हैं और इन्हें कई मीडिया चैनलों पर कहा है और अगर यह ग़लती है तो वह हो चुकी है और इसे एक और बार हो जाने दीजिए।’
बजाज ने कहा, ‘उस शख़्स ने मुझसे कहा कि मीडिया में बोलना अलग बात है और राहुल गांधी से बातें करना दूसरी बात है। मैंने उससे कहा कि हम बिजनेस, अर्थव्यवस्था और लॉकडाउन के बारे में बात करेंगे, तो क्या अब ये बातें भी नहीं हो सकतीं? फिर भी वह इस बात पर टिका रहा कि आप जोख़िम क्यों ले रहे हैं।’
इस पर राहुल ने पूछा कि क्या आप मानते हैं कि इस तरह का माहौल व्यापार के लिए नुक़सानदेह है। बजाज ने कहा, ‘अगर हिंदुस्तान में 100 लोग बोलने से डरते हैं तो 90 के पास छिपाने के लिए कुछ है। लेकिन मैं इतना कहूंगा कि यूपीए 2 और एनडीए 1 सरकार के कार्यकाल में बहुत सारे कंकाल अलमारी से बाहर आ चुके हैं। इसलिए व्यवसायी भी दूध के धुले नहीं हैं।’
'सरकार की तरफ़ चैनलों का झुकाव'
बजाज ने कहा, ‘मैं बिना किसी चैनल का नाम लिए आपसे कहूंगा कि मैं सरकार की तरफ झुकाव रखने वाले चैनलों पर जाने से इनकार कर देता हूं। क्योंकि सोशल मीडिया पर जिस तरह का कंटेंट देखने को मिलता है, ऐसे चैनलों में पैनलों का भी वही तरीक़ा है, यह बात संवेदनशील लोगों को बहुत परेशान करती है।’
कोरोना संकट के कारण लागू लॉकडाउन की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्या असर हो रहा है, इसे लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी स्वास्थ्य विशेषज्ञों और आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन से भी बात कर चुके हैं।
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