loader

राजनाथ जी, क्या चीन ने लद्दाख में भारतीय इलाक़े पर कब्जा कर लिया है?: राहुल

भारत-चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर एक बार फिर हमला बोला है। राहुल ने ट्वीट कर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से पूछा है कि क्या चीन ने लद्दाख में भारतीय इलाक़े पर कब्जा कर लिया है? 

इससे पहले सोमवार को राहुल गांधी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान पर तंज कसा था, जिसमें उन्होंने भारत की सीमाओं की रक्षा करने का दावा किया था। शाह ने रविवार को हुई बीजेपी की वर्चुअल रैली में भाषण के दौरान कहा था, ‘भारत की रक्षा नीति को वैश्विक स्तर पर स्वीकृति मिली है। पूरी दुनिया जानती है कि अमेरिका और इजरायल के बाद अगर कोई देश है, जो अपनी सीमाओं की रक्षा कर सकता है तो वह भारत है।’ 

ताज़ा ख़बरें

शाह के इस बयान पर राहुल गांधी ने ट्वीट किया था, ‘सब को मालूम है ‘सीमा’ की हक़ीक़त लेकिन, दिल के ख़ुश रखने को, ‘शाह-यद’ ये ख़्याल अच्छा है।’ राहुल का यह ट्वीट मशहूर शायर मिर्जा ग़ालिब की उस शायरी की तर्ज पर था जिसमें कहा गया है - हम को मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन दिल के ख़ुश रखने को 'ग़ालिब' ये ख़याल अच्छा है। 

शाम होते-होते राजनाथ सिंह ने भी शेरो-शायरी कर दी। उन्होंने राहुल गांधी को जवाब देते हुए कहा - ‘हाथ’ में दर्द हो तो दवा कीजै, ‘हाथ’ ही जब दर्द हो तो क्या कीजै...। बहरहाल, इसके बाद मंगलवार को राहुल सीधी-सीधी बात पर उतर आए और उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री हाथ के प्रतीक पर कमेंट कर चुके हैं और अब क्या वह इस सवाल का जवाब दे सकते हैं कि क्या चीन ने लद्दाख में भारतीय इलाक़े पर कब्जा कर लिया है? 
देश से और ख़बरें
राहुल गांधी ने कहा था कि चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर केंद्र सरकार चुप क्यों है। राहुल ने कहा था कि संकट के इस समय में केंद्र सरकार की चुप्पी अटकलों और अनिश्चितता को हवा दे रही है, ऐसे में भारत सरकार को सामने आना चाहिए और देश के लोगों को साफ़-साफ़ बताना चाहिए कि वास्तव में हो क्या रहा है। बीते महीने में उत्तरी सिक्किम के नाकुला इलाक़े में दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। सीमा विवाद को लेकर नेपाल भी भारत को आंखें दिखा चुका है।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें