अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के हालात को लेकर चिंता जता रहे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने राज्य का दौरा करने को लेकर राज्यपाल सत्यपाल मलिक को एक और जवाब दिया है। ग़ौरतलब है कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा था कि वह कश्मीर का दौरा कराने के लिए राहुल गाँधी के लिए हवाई जहाज भेजेंगे। राहुल गाँधी ने मलिक के बयान पर जवाब देते हुए कहा था कि उन्हें हवाई जहाज़ भले ही न दिया जाए, लेकिन उन्हें तथा उनके साथ आने वाले विपक्षी नेताओं को पूरे राज्य में घूमने, आम लोगों, मुख्यधारा के नेताओं और राज्य में तैनात फौजियों से मिलने की आज़ादी दी जाए।
यह बात तब शुरू हुई थी जब राहुल गाँधी ने कश्मीर के मसले पर कहा था कि राज्य में स्थिति ख़राब है और वहाँ से हिंसा और लोगों के मरने की ख़बरें आ रही हैं। राहुल ने कहा था कि भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहाँ के हालात के बारे में स्थिति साफ़ करनी चाहिए।
अब अपने ताज़ा जवाब में राहुल गाँधी ने कहा है, ‘मलिक जी, मैंने अपने ट्वीट के जवाब में आपके कमजोर उत्तर को देखा। मैं जम्मू-कश्मीर आने करने और लोगों से मुलाक़ात करने के आपके निमंत्रण को स्वीकार करता हूँ। इसमें कोई भी शर्त नहीं जुड़ी है। मैं कब आ सकता हूँ?’। राहुल ने तंज कसते हुए उन्हें सत्यपाल मलिक के सरनेम को 'मालिक' लिखा है।’ बता दें कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाकर राज्य को दो भागों लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में बाँट दिया है। साथ ही दोनों को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया है।
अनुच्छेद 370 को हटाये जाने को लेकर कांग्रेस नेताओं की अलग-अलग राय है। मंगलवार को कांग्रेस
महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा ने कहा था कि जिस ढंग से केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा ख़त्म किया है, वह पूरी तरह असंवैधानिक है और लोकतंत्र के बुनियादी सिद्धांतों के ख़िलाफ़ है।
लेकिन कांग्रेस के महासचिव रहे जनार्दन द्विवेदी ने इस मुद्दे पर कहा था कि एक भूल जो आज़ादी के समय हुई थी, उस भूल को देर से सही लेकिन सुधारा गया और यह स्वागत योग्य क़दम है। हालाँकि उन्होंने कहा था कि यह पूरी तरह उनकी निजी राय है।
इसके बाद राज्यसभा में कांग्रेस के चीफ़ व्हिप भुवनेश्वर कलिता ने भी इस मुद्दे पर इस्तीफ़ा दे दिया था। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के बेटे और पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा, पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी मोदी सरकार के इस फ़ैसले का समर्थन किया था। नेहरू-गाँधी परिवार के गढ़ रायबरेली से कांग्रेस की विधायक अदिति सिंह ने भी इस मुद्दे पर पार्टी लाइन से हटकर बयान दिया था।
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