कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस समय लंदन में हैं। एक कार्यक्रम में भाषण के दौरान उन्होंने बीजेपी, आरएसएस, मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कोई ऐसा प्वाइंट नहीं छोड़ा, जिस पर उन्होंने अपनी बात नहीं कही हो। भारत में उनकी बातों का, उनके सवालों का जवाब देने की बजाय बीजेपी की ट्रोल आर्मी ने उन्हें पप्पू कहकर ट्विटर पर ट्रेंड करा दिया। राहुल गांधी ने लंदन के कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में आइडियाज फॉर इंडिया सम्मेलन में कहा कि भारत उन संस्थानों पर हमले होता देख रहा है, जिन्होंने देश का निर्माण किया है, जिस पर अब मोदी सरकार का कब्जा है। इस सम्मेलन में उनके साथ सीताराम येचुरी, सलमान खुर्शीद, तेजस्वी यादव, महुआ मोइत्रा और मनोज झा सहित विपक्ष के कई नेता शामिल हुए। हालांकि कांग्रेस खुद कई तरह की समस्याओं का सामना देश में कर रही है लेकिन उससे विचलित हुए बिना राहुल लंदन गए और अपनी बात रखी।
राहुल ने कहा कि हम मानते हैं कि भारत इसके लोगों से मिलकर बना है। जनता उसकी आत्मा है। लेकिन बीजेपी और आरएसएस के लिए यह एक ज्योग्राफी (भूगोल) है। हम सिर्फ बीजेपी से नहीं लड़ रहे हैं; यह अब शुद्ध राजनीतिक लड़ाई नहीं है। मीडिया पर बीजेपी का सौ फीसदी नियंत्रण है। राहुल ने कहा कि कांग्रेस भारत को फिर से हासिल करने के लिए लड़ रही है। यह अब एक वैचारिक लड़ाई है - एक राष्ट्रीय वैचारिक लड़ाई। पाकिस्तान में हुआ था, सरकार ने इस देश के संवैधानिक संस्थाओं को लील लिया है। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि बीजेपी, रोजगार में तेज गिरावट के बावजूद, ध्रुवीकरण और मीडिया के कुल वर्चस्व के कारण भारत में सत्ता में बनी हुई है। बीजेपी पर तीखा हमला करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा-
“
भारत की स्थिति विश्व में अब अच्छी नहीं रही। बीजेपी ने भारत में चारों तरफ मिट्टी का तेल छिड़क दिया है। एक मामूली चिंगारी इस आग को भड़का सकती है। हम कह रहे हैं, हमारे पास एक ऐसा भारत है जहां अलग-अलग विचार मौजूद हो सकते हैं और हम बातचीत कर सकते हैं। लोग कहते हैं कि हमारे पास बीजेपी जैसा काडर नहीं है। हम कहते हैं, अगर हमारे पास बीजेपी जैसा काडर होगा, तो हम बीजेपी बन जाएंगे। बीजेपी लोगों की आवाज दबा रही है। कांग्रेस सुनती है। हम लोगों को सुनने के लिए तैयार किए गए हैं।
भारत में मानवाधिकार उल्लंघन की घटनाओं को अमेरिका द्वारा उठाए जाने के बारे में राहुल गांधी ने कहा, हमें यह बताने की जरूरत नहीं है कि भारत में ध्रुवीकरण करा दिया गया है। हम इस ध्रुवीकरण से लड़ रहे हैं। कांग्रेस यही कर रही है। विपक्ष ऐसा कर रहा है।
रूस-यूक्रेन युद्ध
राहुल से पूछा गया कि अमेरिका और रूस दो प्रमुख शक्तियाँ थीं। लेकिन चीन के उदय के साथ, दो प्रतिस्पर्धी शक्तियों के बीच में भारत है। भारत को इस रिश्ते को कैसे संभालना चाहिए। राहुल ने कहा कि बहुत सावधानी से इसे संभालना चाहिए। चीनी जो पेशकश कर रहे हैं वह समृद्धि है और पश्चिम बिना कोई विकल्प बताए सिर्फ 'चीन को रोको' कह रहे हैं। 1990 से लेकर 2012 तक हमारे पास अपने देश के लिए एक सफल विजन था। विपक्ष का काम भारत के लोगों को एक नया नजरिया देना है। भारत एक ऐसे नजरिए को स्वीकार नहीं करने जा रहा है जो उसके गले से नीचे उतर गया हो।
चीन के साथ तनाव
राहुल ने कहा कि हमें इस जटिल स्थिति को मैनेज करने की जरूरत है और इसके बारे में सतही तरीके से नहीं सोचा जाना चाहिए। पंचशील का विचार है। विदेश सेवा और विदेश मामलों में हमारे पास बहुत बड़ी क्षमताएं हैं। उन्होंने कहा-
“
मोदी सरकार राष्ट्रीय स्तर पर बातचीत को दबाती है। पीएम के कार्यालय में बातचीत को दबाया जाता है। पीएम का रवैया न सुनने वाला है और इसलिए नौकरशाह भी वो सुनना नहीं चाहते हैं। इसलिए कोई बातचीत नहीं होती है।
राहुल ने कहा कि पुतिन कह रहे हैं: मैं आपके (यूक्रेन) दो जिलों पर हमला करने जा रहा हूं क्योंकि आप नाटो और अमेरिका के साथ गठबंधन नहीं कर सकते। अब इसके समानांतर देखें। यूक्रेन में क्या हो रहा है और लद्दाख में क्या हो रहा है? चीन कह रहा है कि हम आपकी (भारत की) क्षेत्रीयता को स्वीकार नहीं करते हैं। मोदी सरकार को यह महसूस करना होगा कि सीमाओं पर समस्या है। हम इसे पसंद करते हैं या नहीं, लेकिन हमें समस्या के लिए तैयार रहना होगा। सरकार के साथ मेरी समस्या यह है कि वे चर्चा की अनुमति नहीं देते हैं।
चीनी सैनिक भारत के अंदर बैठे हैं और मैं देख रहा हूँ कि यूक्रेन में वास्तव में क्या हो रहा है। कृपया समझें कि यूक्रेन और भारत में उसके समानांतर ही सब कुछ चल रहा है। राहुल गांधी भारत में प्राइवेट सेक्टर पर काफी खुलकर कहा -
“
मुझे लगता है कि एक कंपनी के लिए सभी हवाई अड्डों, सभी बंदरगाहों, सभी बुनियादी ढांचे को नियंत्रित करना बहुत खतरनाक है। यह (निजी क्षेत्र का एकाधिकार) इस रूप में कभी अस्तित्व में नहीं रहा। यह सत्ता और पूंजी के इतने बड़े पैमाने पर संकेंद्रण के साथ कभी अस्तित्व में नहीं था। बता दें कि पिछले दिनों देश के सबसे प्रतिष्ठित और कमाई वाले हवाईअड्डों का निजीकरण कर दिया गया और इनका नियंत्रण अडानी ग्रुप के पास चला गया। इसी तरह देश के प्रमुख बंदरगाहों (पोर्ट्स) के इन्फ्रास्ट्रक्चर अडानी ग्रुप के पास चला गया। राहुल के कहने का आशय यह था कि वो निजीकरण के खिलाफ नहीं हैं लेकिन सिर्फ चंद कंपनियों को सब कुछ सौंपने का मतलब है कि प्रतिस्पर्धा खत्म हो जाना जो भारत के लोगों के लिए खतरनाक होगा।
जाति व्यवस्था
मनुस्मृति पर सबसे बड़ा हमला भारत का संविधान है। कांग्रेस अपने कार्यों के माध्यम से देश की सामाजिक व्यवस्था पर हमला करती रही है। हम मूल रूप से मानते हैं कि भारत और भारत में हर एक इंसान को समान अधिकार और समान अवसर दिए जाने चाहिए। ऐसा करोगे तो भारत बचेगा। नहीं तो यह टूट जाएगा। विपक्ष को सभी लोगों, सभी समुदायों, सभी राज्यों और सभी धर्मों को एक साथ लाने की जरूरत है। कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री का रवैया होना चाहिए कि मैं सुनना चाहता हूं', लेकिन हमारे प्रधानमंत्री सुनते ही नहीं हैं।बहरहाल, राहुल गांधी के सवालों और मुद्दों का जवाब बीजेपी ने अभी खुलकर नहीं दिया है। लेकिन बीजेपी का आईटी सेल अपनी ट्रोल आर्मी के जरिए पप्पू ट्रेंड करा रहा है। बीजेपी की ट्रोल आर्मी कह रही है कि राहुल ने देश का अपमान किया है। प्रधानमंत्री का अपमान किया है। हालांकि खुद पीएम मोदी अपनी विदेश यात्राओं में तमाम कार्यक्रमों में कांग्रेस और पहले पीएम नेहरू को निशाना बनाते रहे हैं।
अपनी राय बतायें