एक तो किसान पहले से ही बुलंद हौसलों के साथ दिल्ली के तमाम बॉर्डर्स को घेरकर बैठे हुए हैं, दूसरा उन्हें पंजाबी गायकों की ओर से मिल रहा समर्थन और ज़्यादा ताक़त दे रहा है। देश के बाक़ी राज्यों में जब केंद्र सरकार के कृषि क़ानूनों को लेकर ख़ास हलचल नहीं थी, तब पंजाब इनके ख़िलाफ़ उबल रहा था और तभी से पंजाबी गायकों ने किसानों के समर्थन में गाने रिलीज करना शुरू कर दिया था जो उनके दिल्ली कूच के बाद बढ़ता गया।
किसान आंदोलन के समर्थन में गाने बनाने वाले लगभग सभी गायक दुनिया के कई देशों में मशहूर हैं। अमेरिका से लेकर कनाडा और न्यूजीलैंड से लेकर न्यूयार्क और कई देशों तक पंजाबियों की अच्छी-खासी आबादी है, ऐसे में इन पंजाबी गायकों को वहां लाइव शो के लिए बुलाया जाता है और वहां के लोग पंजाबी गानों और म्यूजिक को न समझने के बाद भी इनका आनंद लेते हैं। ऐसे सैकड़ों वीडियो यू ट्यूब, फ़ेसबुक पर आपको आसानी से मिल जाएंगे।
पंजाब के गानों में जो बात है, वो अलहदा है। भारत भर में बंगाल से लेकर यूपी-बिहार तक पंजाबी गानों पर लोग थिकरते हैं। इन राज्यों का कल्चर भले ही पंजाब न पहुंचा हो लेकिन पंजाबी गानों के जरिये इस सरहदी राज्य का कल्चर कई राज्यों तक पहुंचता रहा है। कहने का मतलब ये कि पंजाब अपनी सीमा के बाहर भी ख़ूब जाना जाता है।
गानों की भरमार
किसानों के समर्थन में अब तक जैजी बी का बगावतां नाम से, निंजा का पंजाब वर्सेस दिल्ली, हर्फ चीमा और कंवर ग्रेवाल का पेचा, मनकीरत औलख के साथ और कई गायकों वाला किसान एंथम, मशहूर गायिका गुरलेज़ अख़्तर का दिल्ली टू पंजाब, कंवर ग्रेवाल का एलान, राजवीर सिद्धू का दिल्ली फतेह, गगन मल्लाह का सुन दिल्लीये, रंजीत बावा का पंजाब बोलदा, गिप्पी ग्रेवाल का ज़ालम सरकारां, जी. संधू का चुप करजा दिल्लीये के अलावा कई नामचीन कलाकारों के गाने शामिल हैं। बब्बू मान जैसे बेहद लोकप्रिय गायक तक किसानों के समर्थन में उतर चुके हैं।
पंजाबी गायक इन गानों में बताने की कोशिश करते हैं कि कनाडा, अमेरिका से लेकर कई देशों तक पंजाबियों की धमक है, इसलिए दिल्ली की हुक़ूमत इस बात को समझ ले कि उसे किसानों की बात को मानना ही होगा।
पंजाबी गायक यह भी कहते हैं कि दिल्ली तू जरा बचकर रह क्योंकि जट्ट उसकी तरफ बढ़ रहे हैं। पंजाब के इन गायकों को हरियाणा के मशहूर गायकों का भी समर्थन मिल रहा है। जैसे फ़ाजिलपुरिया और मासूम शर्मा भी किसानों के लिए गाने बनाने के लिए आगे आए हैं। मासूम शर्मा ने गाना गाया है कि गूगल से रोटी डाउनलोड नहीं हो सकती।
कुछ गानों में किसानों के प्रति समर्थन के अलावा यह मैसेज भी देने की कोशिश की गई है कि पंजाब दिल्ली के आगे नहीं झुकेगा। गानों का छोटे बच्चों पर असर हो रहा है और वे भी इंटरव्यू लेने आने वाले यू ट्यूब चैनलों के पत्रकारों से कहते हैं कि ‘ओए, साडा पंजाब दिल्ली मूरे नी झुकूगा।’
किसान आंदोलन में शामिल नौजवानों के जोश को देखकर लगता है कि उनके दिमाग में ये बात घर कर गई है कि दिल्ली में बैठी हुक़ूमत कृषि क़ानूनों के जरिये पंजाब के खेतों को छीनना चाहती है और उन्हें इसके ख़िलाफ़ पूरी ताक़त से लड़ना है। ये गाने इस भावना को और ज़्यादा बढ़ा रहे हैं।
संवेदनशील है मसला
पंजाब पाकिस्तान से लगता हुआ सूबा है। विभाजन से पहले ये एक विशाल पंजाब हुआ करता था जिसका विभाजन के बाद आधे से ज़्यादा हिस्सा पाकिस्तान में चला गया और उसके बाद आज़ाद हिंदुस्तान में हिमाचल और हरियाणा भी इसी से निकलकर बने। पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई की हमेशा से कोशिश हमारे पंजाब के नौजवानों को भड़काने की रही है।
पंजाब के नौजवानों को गानों के जरिये यह समझाया जा रहा है कि दिल्ली से पंजाब का सदा बैर रहा है। ऐसे संवेदनशील मौक़े पर बड़े पंजाबी गायकों के ये गाने नौजवान सिखों को पंजाब के हक़ के लिए लड़ने और खड़ा होने के लिए आगे आने को कह रहे हैं। ये वो वक़्त है जब भारत की मरकज़ी हुक़ूमत को इस मसले का तुरंत हल निकालने की ज़रूरत है|
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