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पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू की सोनीपत के पास सड़क हादसे में मौत

पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू की एक सड़क हादसे में मौत हो गई। सोनीपत पुलिस ने हादसे की पुष्टि की है। हादसा सोनीपत के पास हुआ है। अभी आ रही सूचनाओं में बताया गया है कि दीप सिद्धू की गाड़ी किसी बड़े वाहन से टकराई थी। वो दिल्ली से बठिंडा जा रहा था।दीप सिद्धू को किसान आंदोलन के दौरान 2021 में लाल किले पर धार्मिक झंडा फहराने और वहां हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने आरोपी बनाया था। वो केस अभी भी लंबित है। दीप सिद्धू जमानत पर बाहर था। 26 जनवरी 2021 को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा और लाल क़िले पर निशान साहिब फहराने के मामले के मुख्य अभियुक्त दीप सिद्धू के बाद एक और अभियुक्त इक़बाल सिंह को दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार किया था। 

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इक़बाल सिंह की गिरफ़्तारी बुधवार को पंजाब के होशियारपुर से की गई थी। दिल्ली पुलिस ने इक़बाल सिंह पर 50 हज़ार रुपये का इनाम घोषित किया था। 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा और लाल क़िले पर निशान साहिब फहराए जाने की घटना के बाद से ही दीप सिद्धू फरार था। गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने सिद्धू से पूछताछ की थी। 

दीप सिद्धू की गिरफ़्तारी दिल्ली पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गई थी क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ उसकी तसवीरें सामने आने के बाद से ही यह कहा जा रहा था कि उसे शह मिली हुई है और तभी वह सैकड़ों लोगों के साथ लाल किले तक पहुंच गया। दीप सिद्धू से पूछताछ के बाद यह पता चलने की उम्मीद थी कि लाल किले पर निशान साहिब फहराने और ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के पीछे किसका हाथ है। लेकिन दिल्ली पुलिस ने आज तक नहीं बताया कि हिंसा के पीछे किसका हाथ थाष 

दीप सिद्धू पंजाबी फ़िल्मों का अभिनेता था। दिल्ली पुलिस ने सिद्धू व तीन अन्य लोगों पर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। सिद्धू के अलावा इनमें लाल किले पर निशान साहिब फहराने वाले जुगराज सिंह, गुरजोत सिंह और गुरजंट सिंह का भी नाम शामिल था।

दिल्ली पुलिस ने इनकी तलाश में दिल्ली और पंजाब में लगातार छापे मारे थे। इसके अलावा प्रदर्शनकारियों को भड़काने को लेकर दिल्ली पुलिस ने बूटा सिंह, सुखदेव सिंह, जजबीर सिंह और इक़बाल सिंह पर 50 हज़ार रुपये का इनाम घोषित किया था। 

26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा हुई थी और एक गुट ने तय वक़्त से पहले ही रैली निकाल दी थी। पुलिस ने बल का प्रयोग कर उन्हें रोकने की कोशिश की थी। इस दौरान आईटीओ पर हुई हिंसा में एक व्यक्ति की मौत भी हो गई थी। लाल किले के परिसर में कुछ लोग ट्रैक्टर लेकर घुस गए थे और वहां निशान साहिब फहरा दिया था। उस दौरान एक वीडियो में दीप सिद्धू को भी देखा गया था। इसके बाद से दीप सिद्धू फरार हो गया था। 

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ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के बाद संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से कहा गया था कि 26 जनवरी से पहले वाली रात को सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के मंच को कुछ लोगों ने हथिया लिया था और उन्होंने 'हमारा रूट रिंग रोड' का नारा दिया था। जबकि संयुक्त किसान मोर्चा और पुलिस के बीच जो तीन रूट तय हुए थे उसमें रिंग रोड शामिल नहीं थी। कुछ युवा इसका विरोध कर रहे थे। दीप सिद्धू ने 2019 के लोकसभा चुनाव में गुरदासपुर सीट से बीजेपी के उम्मीदवार सनी देओल के लिए प्रचार किया था। लाल किले पर हुई हिंसा के बाद कई किसान नेताओं ने युवाओं को गुमराह करने के लिए दीप सिद्धू की आलोचना की थी और उन्हें केंद्र सरकार का दलाल बताया था।

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क़मर वहीद नक़वी
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