कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने एनएसओ के स्पाइवेयर पेगासस को लेकर खुलासे के बाद नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला किया है। उन्होंने कहा है कि यदि पेगासस के ख़ुलासे सही हैं तो नरेंद्र मोदी सरकार ने निजता के अधिकार पर गंभीर हमला किया है। 'द गार्डियन' और वाशिंगटन पोस्ट सहित दुनिया भर के कई प्रतिष्ठित संस्थानों की रिपोर्टों में दावा किया गया है कि कई सरकारों ने 50,000 से अधिक फ़ोन नंबरों को ट्रैक करने के लिए इस पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया है। इसमें पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, वकीलों, विपक्षी दलों के नेताओं, जजों आदि को निशाना बनाया गया है। इनमें भारतीय भी शामिल हैं।
इस ख़बर के बाद प्रियंका गांधी ने अब ट्वीट किया है, 'पेगासस वाले खुलासे घृणास्पद हैं। अगर सच है, तो लगता है कि मोदी सरकार ने उस निजता के अधिकार पर एक गंभीर और भयावह हमला किया है जो मौलिक अधिकार के रूप में भारतीय नागरिकों को संवैधानिक रूप से गारंटी दी गई है। यह लोकतंत्र का अपमान है और हमारी स्वतंत्रता के लिए अशुभ संकेत है।'
The #Pegasus revelations are abhorrent. If true, the Modi government seems to have launched a grave and sinister attack on the Right to Privacy - constitutionally guaranteed to Indian citizens as a Fundamental Right. This is an affront to democracy and has.. 1/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 19, 2021
बता दें कि फ्रांस की ग़ैरसरकारी संस्था 'फ़ोरबिडेन स्टोरीज़' और 'एमनेस्टी इंटरनेशनल' ने लीक हुए दस्तावेज़ का पता लगाया है और कई समाचार एजेंसियों और संस्थाओं के साथ साझा किया। इसका नाम पेगासस प्रोजेक्ट रखा गया। इज़रायली कंपनी एनएसओ पेगासस सॉफ़्टवेअर बना कर बेचती है। इस सॉफ़्टवेयर के ज़रिए फ़ोन को हैक कर लिया गया या उन्हें टैप किया गया और इस तरह डाटा चुरा लिए गए। 'द गार्जियन', 'वाशिंगटन पोस्ट', 'ला मोंद' ने 10 देशों के 1,571 टेलीफ़ोन नंबरों के मालिकों का पता लगाया और उनकी छानबीन की। उसमें से कुछ की फ़ोरेंसिक जाँच करने से यह निष्कर्ष निकला कि उनके साथ पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया गया था।
भारत में भी देश के 40 पत्रकारों की जासूसी पेगासस सॉफ़्टवेयर के ज़रिए की गई है। इसमें 'हिन्दुस्तान टाइम्स', 'द हिन्दू', 'इंडियन एक्सप्रेस', 'इंडिया टुडे', 'न्यूज़ 18' और 'द वायर' के पत्रकार शामिल हैं। 'द वायर' ने एक ख़बर में यह दावा किया है। 'एनडीटीवी' ने एक ख़बर में कहा है कि 'संवैधानिक पद पर बैठे एक व्यक्ति' और विपक्ष के तीन नेताओं की जासूसी भी स्पाइवेयर से की गई है।
We know what he’s been reading- everything on your phone!#Pegasus https://t.co/d6spyji5NA
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 19, 2021
इस मामले में कांग्रेस के लोकसभा सदस्य शशि थरूर ने पेगागस जासूसी मामले की निष्पक्ष व स्वतंत्र जाँच की माँग की है।
उन्होंने कहा है, "सरकार ने अनधिकृत निगरानी रखे जाने से इनकार किया है। सवाल यह है कि जब पेगासस सिर्फ़ सरकारी एजेंसियों को बेचा जाता है तो किस देश की सरकार ने भारतीय नागरिकों की जासूसी इसके ज़रिए की है? क्या इसकी स्वतंत्र व निष्पक्ष जाँच नहीं होनी चाहिए?"
एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल हैकिंग है, यह अधिकृत इंटरसेप्शन या टैपिंग नहीं है। उन्होंने कहा कि हैकिंग एक अपराध है, यह किसी व्यक्ति ने की हो या फिर सरकार ने।
#Pegasus use is hacking, not “authorised interception” or tapping. Hacking is a crime, whether it’s done by individuals or govt
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 18, 2021
Govt has to expressly disclose or deny only 2 things:
1 Did you use NSO spyware or not?
2 Did you target specific people named in news reports? 1/2
उन्होंने ट्वीट में कहा है, "सरकार को स्पष्ट तौर पर दो चीजें बतानी होंगी। पहली यह कि क्या उसने एनएसओ स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया है या नहीं, दूसरा, क्या आपने न्यूज़ रिपोर्ट्स में लिए गए नामों को इसके दायरे में लिया था या नहीं।"
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