बिजली संकट पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार शाम को प्रधानमंत्री मोदी पर करारा हमला किया। राहुल ने मोदी के 2017 में दिए गए भाषण का सहारा लिया, जिसमें वो कहते सुने जा सकते हैं कि बिजली तो सरप्लस है। अब हम दूसरे देशों को बिजली बेच सकते हैं। इसके अलावा मोदी ने बिजली संकट पर और भी बातें कहीं थीं।
पूरे देश में इस समय बिजली संकट चल रहा है। केंद्र सरकार ने समय पर इससे निपटने की तैयारी नहीं की। तमाम थर्मल पावर हाउस कोयले के अभाव में बंद पड़े हैं। हालांकि इसके बावजूद मोदी सरकार के मंत्री यह मानने को तैयार नहीं हैं कि कहीं कोई बिजली संकट है। दिल्ली एनसीआर समेत तमाम राज्यों में 8-8 घंटे का पावर कट चल रहा है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को मौजूदा बिजली संकट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और पूछा कि वह इस मोर्चे पर अपनी नाकामी के लिए किसे जिम्मेदार ठहराएंगे।
उन्होंने पूछा कि क्या पीएम मोदी इस बिजली संकट के लिए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, राज्य सरकारों या देश की जनता को जिम्मेदार ठहराएंगे।राहुल ने ट्वीट में लिखा है, प्रधानमंत्री जी, वादों और इरादों का तार तो हमेशा से कटा था। मोदी जी, इस बिजली संकट में अपनी नाकामी के लिए आप किसे जिम्मेदार ठहराएंगे? नेहरू जी या राज्य या लोग?
राहुल ने 2015 में देश भर में 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने का वादा करने वाले प्रधानमंत्री मोदी के पिछले भाषणों को दिखाने वाले एक वीडियो को भी टैग किया। 2017 में मोदी ने दावा किया था कि अब किसी ने बिजली संकट या कोयला संकट की सुर्खियां नहीं सुनीं।
लगभग एक मिनट की वीडियो क्लिप में एक व्यवसायी के साथ मौजूदा बिजली संकट की खबरों पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें कहा गया है कि वह एक दिन के श्रम के बाद भी सो नहीं सकता है।
देश के बड़े हिस्से में लंबे समय तक बिजली कटौती का सामना करने के साथ, विपक्षी कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा था कि केंद्र सरकार के कुशासन और कुप्रबंधन के कारण भीषण गर्मी में यह “कृत्रिम” संकट पैदा हुआ।
पार्टी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार देश भर में बिजली संयंत्रों को कोयला वितरण के लिए सहायता प्रदान नहीं कर रही है, जिससे संकट पैदा हो गया है।
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