दिल्ली पुलिस की एक टीम गुरुवार को ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर के बेंगलुरु स्थित आवास पर जांच के लिए पहुंची। ऑल्ट न्यूज ने इस बीच जुबैर की गिरफ्तारी को हाईकोर्ट में चुनौती दे दी है। हाईकोर्ट 1 जुलाई को सुनवाई करेगा।
मोहम्मद जुबैर को ट्वीट के जरिए हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में सोमवार को गिरफ्तार किया गया था। मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत ने उन्हें चार दिन के रिमांड पर दिल्ली पुलिस को सौंप दिया था।
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पुलिस ने बुधवार को कई बैंकों को पत्र लिखकर जुबैर के खाते के विवरण और अन्य वित्तीय लेनदेन के बारे में जानकारी मांगी थी।
अधिकारी ने यह भी कहा कि फैक्ट चेकिंग वेबसाइट के सह-संस्थापक द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे मोबाइल फोन को फॉर्मेट किया गया है। इसमें मामले से संबंधित जानकारी नहीं है। पुलिस के अनुसार, जुबैर ने बताया है कि उनका वो फोन खो चुका है, जिसे कथित तौर पर आपत्तिजनक ट्वीट पोस्ट करने में इस्तेमाल किया गया था।
इस बीच, यह तथ्य भी सामने आया कि अज्ञात ट्विटर हैंडल अब माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर मौजूद नहीं है। जिसके जरिए जुबैर के खिलाफ शिकायत दिल्ली पुलिस को टैग की गई थी। जुबैर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (धर्म, नस्ल, जन्म स्थान, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से किया गया जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
हाईकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई
दिल्ली हाईकोर्ट गुरुवार को ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया, जिसमें उन्होंने 2018 में एक हिंदू देवता के खिलाफ पोस्ट किए गए एक आपत्तिजनक ट्वीट से संबंधित मामले में उनकी पुलिस रिमांड को चुनौती दी थी।जुबैर की याचिका का उल्लेख वकील वृंदा ग्रोवर ने हाईकोर्ट की वेकेशन बेंच के सामने किया। कोर्ट ने इसे शुक्रवार को सुनवाई के लिए लिस्ट कर दिया।
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बता दें कि पत्रकार मोहम्मद जुबैर ने एक ट्वीट में जिस तस्वीर का इस्तेमाल किया वह ऋषिकेश मुखर्जी की 1983 की हिंदी फिल्म, किसी से ना कहना की थी और फिल्म पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया था। इसमें हनीमून होटल का नाम एक देवता के नाम पर करने पर चुटकी ली गई थी। जुबैर के उस ट्वीट को मुद्दा बना दिया गया, जबकि उसी फिल्म के उस हिस्से को असंख्य लोगों ने सोशल मीडिया पर डाला है, जिस पर आजतक कोई विवाद नहीं हुआ।
पूरी दुनिया में मोहम्मद जुबैर और एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी की निन्दा हो रही है। यूएन महासचिव के प्रवक्ता ने भी इस गिरफ्तारी पर चिन्ता जताई है। जुबैर के मामले में दक्षिणपंथी संगठन निन्दा अभियान चला रहे हैं।
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