प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार शाम को देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि त्योहारों के इस मौसम में बाज़ारों में रौनक लौट रही है और हमें यह भूलना नहीं है कि लॉकडाउन चला गया है लेकिन वायरस नहीं गया है। उन्होंने कहा कि हर देशवासी के प्रयास से आज हम जिस संभली स्थिति में हैं, उसे बनाए रखना है।
उन्होंने सुबह ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी और लोगों से इससे जुड़ने की अपील भी की थी। कोरोना संक्रमण के काल के दौरान यह सातवां मौक़ा था, जब प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित किया।
वैक्सीन बनाने पर हो रहा काम
मोदी ने कहा कि जब तक इस महामारी की वैक्सीन नहीं आ जाती, तब तक हमें इस लड़ाई को कमजोर नहीं पड़ने देना है। उन्होंने कहा कि मानवता का जीवन बचाने के लिए वैक्सीन बनाने का काम जोर-शोर से हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत में कोरोना की कई वैक्सीन पर काम चल रहा है और कई एडवांस स्टेज में हैं। कोरोना की वैक्सीन जब भी आएगी, वह जल्द से जल्द प्रत्येक भारतवासी तक कैसे पहुंचे, इसके लिए भी सरकार की तैयारी जारी है।’
लापरवाही न करें
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम लोग मास्क, दो गज की दूरी, समय-समय पर साबुन से हाथ धोने का विशेष ध्यान रखें। मैं आपको और आपके परिवार को सुखी देखना चाहता हूं।’ उन्होंने दोहराया कि जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं। मोदी ने कहा कि थोड़ी सी लापरवाही हमारी खुशियों को धूमिल कर सकती है।
प्रधानमंत्री ने मीडिया समुदाय से आग्रह किया कि वे कोरोना से जुड़े दिशा-निर्देशों को लेकर जनजागरण अभियान चलाएं। उन्होंने कहा कि यूरोप में कई देशों में कोरोना के मामले कम हो रहे थे लेकिन अब बढ़ने लगे हैं। उन्होंने कहा कि हम लोग एक कठिन समय से निकलकर आगे बढ़ रहे हैं लेकिन हमें सावधान रहने की ज़रूरत है।
प्रधानमंत्री ने हाल ही में कहा था कि कोरोना के टीके के वितरण में राज्य, केंद्र और सिविल सोसाइटी की अहम भूमिका होगी। इसके साथ ही इसके लिए मजबूत सूचना प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य सेवाओं का आधार होने की बात भी उन्होंने कही थी। मोदी ने कहा था कि राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना के टीके के वितरण की तैयारी वैसी ही होनी चाहिए जिस तरह चुनाव के लिए तैयारी की जाती है।
प्रधानमंत्री ने इससे पहले कई बार लोगों से कोरोना को लेकर सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की थी। उन्होंने कहा था, 'जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं'। यह वक्त बेहद नाजुक है क्योंकि सरकार की ओर से नियुक्त एक समिति ने हाल ही में आशंका जताई है कि यदि त्योहारों के दौरान कोरोना से जुड़े दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया गया और लापरवाही बरती गई तो बड़े पैमाने पर संक्रमण फैल सकता है।
15 हज़ार मामले रोज!
नेशनल सेंटर फ़ॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) द्वारा विशेषज्ञों के दिशा-निर्देशन में बनाई गई इस रिपोर्ट में दिल्ली सरकार को सलाह दी गई है कि वह अस्पतालों में बिस्तरों का इंतजाम कर ले। रिपोर्ट कहती है कि ठंड के दिनों में हर दिन 15 हज़ार नए मामले आ सकते हैं।
ये ऐसे रोगी हो सकते हैं जिन्हें सांस की परेशानी हो सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बाहर से भी बड़ी संख्या में मरीज दिल्ली में आ सकते हैं और इसके अलावा त्योहारों के दौरान भी लोगों के इकट्ठे होने के कारण मरीजों की संख्या बढ़ सकती है।
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