प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 जून को लगातार तीसरी बार शपथ ले सकते हैं। जवाहरलाल नेहरू के बाद यह पहला मौक़ा है जब कोई प्रधानमंत्री लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी करेगा। उसी दिन केंद्रीय मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह भी होने की संभावना है। एनडीए के लोकसभा चुनाव जीतने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और मंत्रिपरिषद के साथ अपना इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही उन्होंने अपने अगले कार्यकाल के लिए तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। इसी को लेकर एनडीए की बैठक बुलाई गई। इस बैठक में एनडीए सहयोगियों, खासकर नीतीश कुमार के जेडीयू और चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी पर सबकी नज़रें थीं। इसी बीच इंडिया गठबंधन की बैठक भी हो रही है। सरकार गठन को लेकर तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
ऐसा इसलिए है कि पीएम मोदी की भारतीय जनता पार्टी ने इस बार 240 सीटें जीती हैं। यह 272 के बहुमत के आंकड़े से 32 सीटें कम है। अब यह पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सदस्यों द्वारा जीती गई 53 सीटों पर निर्भर करेगी।
एग्जिट पोल ने सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए भारी जीत की भविष्यवाणी की थी, लेकिन इसके विपरीत एनडीए ने 293 सीटें ही जीतीं। विपक्षी इंडिया गठबंधन 232 सीटों पर रहा। कांग्रेस ने 2019 के अपने आंकड़े को दोगुना करते हुए 99 सीटें हासिल कीं। भाजपा को सबसे बड़ा झटका उत्तर प्रदेश में लगा, जहां 2019 में उसे 62 सीटें और 2014 में 71 सीटें मिली थीं। इस बार यूपी में भाजपा की सीटें लगभग आधी रह गईं और उसे सिर्फ 33 सीटें मिलीं। भाजपा को कई राज्यों में भी झटका लगा, जहां 2019 में पार्टी का दबदबा था। इनमें महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान और कर्नाटक शामिल हैं। पश्चिम बंगाल में भी पार्टी को झटका लगा।
एनडीए ने ओडिशा, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार के अच्छे नतीजों की बदौलत बहुमत पा लिया। इन्हीं राज्यों से अन्य राज्यों में नुक़सान की कुछ भरपाई हो पाई।
इस बीच, मंगलवार देर रात पार्टी के दिल्ली मुख्यालय में अपने प्रशंसकों की भीड़ को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के लोगों ने तीसरी बार एनडीए में अपना विश्वास जताया है।
पीएम मोदी बुधवार सुबह पुष्टि की कि एनडीए तीसरी बार सरकार बनाने का दावा करेगा। उन्होंने चुनाव परिणामों को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की जीत कहा।
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