देश में कोरोना संकट के बीच कुंभ मेले के आयोजन के लिए मोदी सरकार की आलोचनाओं के बीच अब प्रधानमंत्री मोदी ने इस पर चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा है कि उन्होंने संतों से प्रार्थना की है कि कुंभ अब प्रतीकात्मक तौर पर ही जारी रखा जाए। उन्होंने कहा है कि उन्होंने आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि से फोन पर बात की है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि कुंभ को प्रतीकात्मक रखे जाने पर कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में ताक़त मिलेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने इसको लेकर ट्वीट किया है।
मैंने प्रार्थना की है कि दो शाही स्नान हो चुके हैं और अब कुंभ को कोरोना के संकट के चलते प्रतीकात्मक ही रखा जाए। इससे इस संकट से लड़ाई को एक ताकत मिलेगी। @AvdheshanandG
— Narendra Modi (@narendramodi) April 17, 2021
मा0 प्रधानमंत्री जी के अनुरोध से स्वयं को जोड़ते हुए मेरी सभी संत समाज और श्रद्धालुओं से प्रार्थना है कि प्रधानमंत्री जी की प्रार्थना के अनुरूप कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में सहयोग दें। हरिद्वार कुंभ में दो शाही स्नान हो चुके हैं। संत समाज और आमजन की सुरक्षा हेतु सरकार प्रतिबद्ध है। https://t.co/rMFLKIt7m5
— Tirath Singh Rawat (@TIRATHSRAWAT) April 17, 2021
संक्रमित होने वालों में ऑल इंडिया अखाड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरी भी हैं और उन्हें ऋषिकेश स्थित एम्स में भर्ती कराया गया है।
इस बीच जगद्गुरु शंकराचार्य के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने घोषणा की कि कुंभ अपनी तय अवधि तक चलेगा। शुक्रवार को अमर उजाला की आई रिपोर्ट के अनुसार, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि कुंभ किसी संस्था या अखाड़ा का नहीं है। उन्होंने घोषणा की कि कुंभ ज्योतिष है और अपनी अवधि तक चलेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना नियमों का पालन करते हुए शंकराचार्य छावनी लगी रहेगी।
रिपोर्ट के अनुसार निर्मोही, निर्वाणी और दिगम्बर अखाड़े ने निरंजनी और आनंद अखाड़े के संतों से माफी की मांग की है। अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार इन अखाड़ों ने कहा है कि मेला समापन का अधिकार केवल मुख्यमंत्री और मेला प्रशासन को है, घोषणा करने वाले संत माफी नहीं मांगते तो वह अखाड़ा परिषद के साथ नहीं रह सकते। उन्होंने यह भी कहा कि उनका मेला जारी रहेगा और 27 अप्रैल को सभी बैरागी संत शाही स्नान करेंगे।
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