PM Shri @narendramodi’s reply to the Motion of Thanks on the President's address in Lok Sabha. https://t.co/4biKGhqHoP
— BJP (@BJP4India) February 4, 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए विपक्ष के नेता राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं पर तीखा हमला बोला। पीएम नरेंद्र मोदी ने कुछ नेताओं पर "शहरी नक्सलियों की भाषा" बोलने और युवाओं को झूठे वादों से गुमराह करने का आरोप लगाया।
नरेंद्र मोदी ने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज कुछ लोग खुलेआम शहरी नक्सलियों की भाषा बोल रहे हैं, भारत (स्टेट) को चुनौती दे रहे हैं और इसके खिलाफ लड़ाई की घोषणा कर रहे हैं। जो लोग यह भाषा बोलते हैं वे न तो संविधान को समझते हैं और न ही देश की एकता को।"
लोकसभा में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए, मोदी ने कहा कि दशकों तक, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को संवैधानिक अधिकारों से वंचित रखा गया था। उन्होंने इसे लोगों और संविधान दोनों के लिए “अन्याय” बताया।
मोदी ने जोर देकर कहा कि “हम संविधान की भावना से जीते हैं, और इसीलिए हम मजबूत निर्णय लेते हैं। हमारा संविधान भेदभाव करने का अधिकार नहीं देता है।”
मोदी ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, 'जो लोग गरीबों की झोपड़ी में फोटो सेशन कराकर अपना मनोरंजन करते हैं, उन्हें संसद में गरीबों की बात उबाऊ लगेगी।' यह हमला भी राहुल गांधी पर था। यह राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राहुल गांधी की प्रतिक्रिया के संदर्भ में था, जहां उन्हें इसे "उबाऊ" कहते हुए सुना गया था।
पीएम मोदी ने कहा- हमने गरीब लोगों के लिए इतना कुछ किया है कि राष्ट्रपति ने अपने भाषण में इसके बारे में विस्तार से बात की। हमारी सरकार ने 12 करोड़ परिवारों को नल से जल दिया। वे हमारे स्वच्छता कार्यक्रम का उपहास उड़ाते थे। हमने सरकारी योजनाओं के 10 करोड़ फर्जी लाभार्थियों को हटा दिया है।
कुछ लोगों के लिए, AI एक फैशनेबल शब्द है। मेरे लिए, इसके दोहरे अर्थ हैं - आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और आकांक्षी भारत। इस बजट में 50,000 नई एआई लैब का प्रावधान है।
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने 'तीन तलाक' खत्म कर मुस्लिम महिलाओं को उनका अधिकार दिया है। मोदी ने कहा, ''जो लोग संविधान को अपनी जेब में लेकर चलते हैं, उन्हें नहीं पता कि उन्होंने मुस्लिम महिलाओं को कैसे परेशानी भरी जिंदगी जीने के लिए मजबूर कर दिया था।''
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जहां कुछ लोगों ने "तुष्टिकरण" को चुना था, वहीं उनकी सरकार ने "संतुष्टिकरण" का रास्ता अपनाया है। मोदी ने कहा, "वास्तविक सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता और संविधान के प्रति सम्मान योजनाओं की 100 प्रतिशत संतृप्ति है।"
यह कहते हुए कि जाति के बारे में बात करना कुछ लोगों के लिए फैशन बन गया है, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले 30 से 35 वर्षों से, विभिन्न दलों के संसद सदस्य ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने की मांग कर रहे थे। मोदी ने कहा, ''जो लोग अब इसके बारे में बात करते हैं उन्हें तब यह याद नहीं था, लेकिन हमने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया।''
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