प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में आज शाम को राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस का जवाब देंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 31 जनवरी को संसद का बजट सत्र शुरू होने से पहले अपना अभिभाषण दिया था। इसके अगले दिन बजट पेश हुआ था और फिर बाद के दिनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर दोनों सदनों में बहस हुई थी। इसी बहस का अब प्रधानमंत्री जवाब देंगे।
विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण को लेकर कई सवाल उठाए थे। राष्ट्रीय जनता दल सांसद मनोज झा ने राज्यसभा में कहा था कि राष्ट्रपति का अभिभाषण किसी दलगत राजनीति से ऊपर होना चाहिए। उन्होंने कहा था कि अभिभाषण में बेरोजगारी, कोविड महामारी, रेलवे भर्ती को लेकर छात्रों का प्रदर्शन जैसे अहम मुद्दों का ज़िक्र नहीं था।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि राष्ट्रपति का अभिभाषण उन चीजों की एक लंबी सूची थी जो सरकार करने का दावा करती है, इसमें कोई रणनीतिक दृष्टि नहीं थी। उन्होंने कहा था कि इसने हमारे देश के सामने मौजूद केंद्रीय चुनौतियों को नहीं छुआ।
समझा जाता है कि प्रधानमंत्री विपक्षी नेताओं द्वारा उठाए गए मुद्दों का जवाब देंगे। प्रधानमंत्री के जवाब में खास तौर पर राहुल गांधी द्वारा किए गए हमलों का जवाब दिए जाने की संभावना है।
राहुल गांधी ने बजट पेश होने के एक दिन बाद यानी 2 फ़रवरी को राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान सरकार पर तीखा हमला किया था और कहा था कि 'भारत में दो भारत बसते हैं। एक वो हैं जहां अमीर रहते हैं। दूसरा वो है जहां न पानी है, न बिजली है, न खाना है।'
राहुल गांधी ने अडाणी और रिलायंस ग्रुप का नाम लेते हुए कहा था कि मोदी सरकार ने सारा खजाना इनके लिए लुटा दिया। उन्होंने कहा था कि दोनों उद्योग समूहों ने इस देश के सारे संसाधनों पर कब्जा कर लिया है।
राहुल ने केंद्र और राज्यों के संबंध को लेकर कहा था कि यह राज्यों का संघ है, यह एक साझेदारी है, साम्राज्य नहीं। उन्होंने मोदी सरकार पर राज्यों को दबाने का आरोप लगाया था। राहुल ने सीधे प्रधानमंत्री मोदी को निशाने पर लेते हुए कहा था कि भारत में एक राजा का शासन चल रहा है। राहुल ने कहा था, '1947 में कांग्रेस ने राजा और साम्राज्यवाद के विचार को तोड़ा, लेकिन अब वह वापस आ गया है। तमाम संस्थाओं पर हमले हो रहे हैं। आपके विज़न में किसानों की आवाज़ नहीं है।'
राहुल गांधी ने मोदी सरकार के कार्यकाल में संवैधानिक संस्थाओं पर हमले किए जाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि उन्होंने अपनों को खोये हैं इसलिए वह जानते हैं कि भारत क्या है। चीन-पाकिस्तान से ख़तरे को लेकर भी उन्होंने आगाह किया था और मोदी सरकार पर इस ख़तरे को नज़रअंदाज़ करने का आरोप लगाया था।
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