loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
56
एनडीए
24
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
233
एमवीए
49
अन्य
6

चुनाव में दिग्गज

चंपाई सोरेन
बीजेपी - सरायकेला

जीत

गीता कोड़ा
बीजेपी - जगन्नाथपुर

हार

प्रधानमंत्री मोदी को पंडित नेहरू का नाम क्यों लेना पड़ा संसद में?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर क्या देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का नाम नहीं लेने का आरोप लगता है? प्रधानमंत्री मोदी तो कम से कम ऐसा ही मानते हैं। उन्होंने संसद में सोमवार को चुटकी लेते हुए कहा कि 'आप शिकायत करते हैं कि मैं पंडित जी का नाम नहीं लेता। आज मैं नेहरू जी का नाम लेता रहूंगा- आनंद लें... आप कहते रहते हैं कि मोदी-जी नेहरू-जी का नाम नहीं लेते हैं। इसलिए मैं आपकी इच्छा पूरी कर रहा हूँ।"

हालाँकि, प्रधानमंत्री मोदी का बयान जो भी हो, लेकिन उन पर आरोप लगता रहा है कि वह और उनकी पार्टी कांग्रेस के शासनकाल और पहले प्रधानमंत्री नेहरू पर हमला कर खुद को विपक्ष के हमलों से बचाते हैं। तो संसद में भी प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को जो नेहरू का नाम लिया वह भी क्या खुद के बचाव के लिए था?

ताज़ा ख़बरें

इस सवाल का जवाब प्रधानमंत्री के बयान से ही बेहतर मिल सकता है। मुद्रास्फीति की आलोचना से निपटने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के पहले प्रधानमंत्री नेहरू के लाल क़िले से राष्ट्र के नाम संबोधन का ज़िक्र किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "पंडित नेहरू ने लाल क़िले से (जब वैश्वीकरण नहीं था) कहा- 'कोरिया में युद्ध हमें प्रभावित कर रहा है। इसलिए कीमतें बढ़ती हैं और वे हमारे नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं'।"

उन्होंने नेहरू के भाषण को उद्धृत करते हुए आगे कहा, "अगर अमेरिका में कुछ होता है, तो यह हमारे सामान की कीमत को प्रभावित करता है। कल्पना कीजिए कि मुद्रास्फीति की समस्या कितनी गंभीर थी - कि नेहरू को लाल किले से यह कहना पड़ा। अगर आप आज सत्ता में होते तो आप कोरोना वायरस पर मुद्रास्फीति का दोष मढ़ देते और खुद को दूर कर लेते।"

इसी दौरान कांग्रेस के विरोध पर प्रधानमंत्री ने चुटकी ली और कहा कि आप शिकायत करते हैं कि मैं पंडित जी का नाम नहीं लेता तो आज मैं नेहरू जी का नाम लेता रहूँगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने राहुल गांधी के इस आरोप पर भी पलटवार किया कि सरकार ने केवल कुछ मुट्ठी भर उद्योगपतियों का पक्ष लिया है। उन्होंने कहा कि नेहरू और इंदिरा गांधी के समय भी लोग टाटा-बिड़ला की सरकार कहकर आरोप लगाते थे।

दरअसल, प्रधानमंत्री का पूरा बयान राहुल गांधी पर हमले का केंद्रित लग रहा था। राहुल गांधी ने बजट पेश होने के एक दिन बाद यानी 2 फ़रवरी को राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान सरकार पर तीखा हमला किया था और कहा था कि 'भारत में दो भारत बसते हैं। एक वो हैं जहां अमीर रहते हैं। दूसरा वो है जहां न पानी है, न बिजली है, न खाना है।' 

राहुल गांधी ने अडाणी और रिलायंस ग्रुप का नाम लेते हुए कहा था कि मोदी सरकार ने सारा खजाना इनके लिए लुटा दिया। उन्होंने कहा था कि दोनों उद्योग समूहों ने इस देश के सारे संसाधनों पर कब्जा कर लिया है।

देश से और ख़बरें

राहुल ने सीधे प्रधानमंत्री मोदी को निशाने पर लेते हुए कहा था कि भारत में एक राजा का शासन चल रहा है। राहुल ने कहा था, '1947 में कांग्रेस ने राजा और साम्राज्यवाद के विचार को तोड़ा, लेकिन अब वह वापस आ गया है। तमाम संस्थाओं पर हमले हो रहे हैं। आपके विज़न में किसानों की आवाज़ नहीं है।'

राहुल ने कहा था, 'अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण बिंदु। मेरी समझ यह है कि आरएसएस और बीजेपी हमारे देश की नींव के साथ खेल रहे हैं। वे देश के बीच की कड़ी को कमजोर कर रहे हैं। वे सुनिश्चित कर रहे हैं कि एक भी युवा को नौकरी न मिले। अपने आप से पूछें कि क्यों।'

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें