देश में तेज़ी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की। यह बैठक वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये हुई और इसमें हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और केरल के मुख्यमंत्रियों ने भाग लिया।
देश भर में कोरोना संक्रमण के मामले फिर से तेज़ी से बढ़ने लगे हैं और इसी को लेकर एक के बाद एक कई फ़ैसले लिए जा रहे हैं। केंद्र राज्यों में टीमें भेज रहा है। राज्य सरकारें पाबंदियाँ लगा रही हैं। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने भी राज्यों को कोरोना पर नियंत्रण के लिए तैयारी के निर्देश दिए हैं। इसने तो चार राज्यों से स्थिति की रिपोर्ट भी माँगी है।
हाल के दिनों में जिस तरह से कई राज्यों में संक्रमण के मामले बढ़े हैं, सरकार की चौकसी बढ़ी है, सुप्रीम कोर्ट तक को दखल देना पड़ा है उससे सवाल खड़ा होने लगा है कि क्या भारत में भी कोरोना की दूसरी लहर आने वाली है? कोरोना की दूसरी लहर से दुनिया के कई देश जूझ रहे हैं। जिन देशों में दूसरी लहर आई है वहाँ यह पहले से ज़्यादा आक्रामक है और अधिकतर देशों में तो यह पहले से दोगुनी तेज़ी से बढ़ रहा है।
इन राज्यों से भी बढ़ी चिंता
भारत में चिंता बढ़ने का एक कारण यह भी है कि जिन राज्यों में कोरोना संक्रमण के कुल मामले अब तक कम रहे हैं वहाँ संक्रमण बढ़ने लगा है। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। हालाँकि, सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्यों में से एक उत्तर प्रदेश में भी संक्रमण के मामले ज़्यादा आने लगे हैं। राजस्थान में रिकॉर्ड 3000 से ज़्यादा संक्रमण के मामले आने लगे हैं। हिमाचल प्रदेश में भी इस महीने सक्रिय संक्रमण के मामले दोगुने हो गए हैं।कई राज्यों में संक्रमण के मामले बढ़ने लगे हैं, इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने कई राज्यों में उच्चस्तरीय टीमें भेजी हैं। पहले राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और छत्तीसगढ़ में ये टीमें भेजी गई थीं और फिर उत्तर प्रदेश, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में भी भेजी गई हैं।
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