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लीजिए, प्रधानमंत्री ने आपातकाल की बेड़ियाँ, हथकड़ियाँ याद दिला दीं

लीजिए, अब प्रधानमंत्री मोदी भी बेड़ियों व हथकड़ियों पर बोल पड़े। अमेरिका से भारतीयों को अपराधियों की तरह ज़ंजीरों व हथकड़ियों में बाँधकर अमानवीय रूप से भेजे जाने पर मचे हंगामे के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने आपातकाल की हथकड़ियों और बेड़ियों की याद दिलाई है। प्रधानमंत्री ने कहा, 'आपातकाल में जॉर्ज फर्नांडिस समेत देश के अनेक महानुभावों को हथकड़ियां पहनाई गई थी, जंजीरों से बांधा गया था। संसद के सदस्य, देश के गणमान्य नेताओं को हथकड़ियों और जंजीरों से बांधा गया था।'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दे रहे थे। उन्होंने दो दिन पहले लोकसभा में उन्होंने जवाब दिया था। उन्होंने लोकसभा में जहाँ से अपनी बात ख़त्म की थी, वहीं से आगे बढ़ते हुए उन्होंने कांग्रेस पर फिर से हमला किया। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर यह हमला तब किया है जब कांग्रेस सहित पूरे विपक्ष ने अमेरिका से भारतीयों को अमानवीय तरीक़े से वापस भेजे जाने का मुद्दा बनाया।

राज्यसभा में जब पीएम मोदी बोल रहे थे तो उन्होंने आपातकाल से लेकर नेहरू तक का नाम लिया और आरोप लगाया कि अभिव्यक्ति की आज़ादी को दबाया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा कि संविधान निर्माताओं का आदर करना चाहिए था, उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए थी लेकिन, कांग्रेस ने आजादी के तुरंत बाद ही संविधान निर्माताओं की भावनाओं की धज्जियां उड़ा दी थी। उन्होंने आरोप लगाया, 'आजादी के बाद जब देश में चुनी हुई सरकार नहीं थी और चुनाव तक के लिए अस्थायी व्यवस्था थी, तो उस में जो महाशय बैठे थे, उन्होंने आते ही संविधान में संशोधन कर दिया। उन्होंने फ्रीडम ऑफ़ स्पीच को कुचल दिया, अखबारों पर, प्रेस पर लगाम लगा दी। ये संविधान की भावना का पूरी तरह अनादर था।'

प्रधानमंत्री ने किशोर कुमार का नाम लेकर कांग्रेस पर हमला किया। उन्होंने कहा, 'किशोर कुमार जी ने कांग्रेस के लिए गाना गाने से मना किया। इस एक गुनाह के लिए आकाशवाणी पर किशोर कुमार के सभी गानों को प्रतिबंधित कर दिया गया। आपातकाल में जॉर्ज फर्नांडिस समेत देश के अनेक महानुभावों को हथकड़ियां पहनाई गई थी, जंजीरों से बांधा गया था। संसद के सदस्य, देश के गणमान्य नेताओं को हथकड़ियों और जंजीरों से बांधा गया था।'

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बता दें कि हथकड़ियाँ व जंजीर सुर्खियों में हैं। दरअसल, अमेरिका का सैन्य विमान 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर बुधवार की दोपहर अमृतसर पहुंचा है। इसके साथ ही हाथों में हथकड़ी और पैरों में जंजीरों के साथ कुछ लोगों की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई। बाद में अमेरिका के एक अधिकारी ने एक वीडियो ही पोस्ट कर दिया। 

डिपोर्ट होकर आए लोगों ने अपनी व्यथा सुनाई और कहा कि उन्हें बेड़ियों व हथकड़ियों में बांध कर सैन्य विमान से लाया गया। उनको 40 घंटे तक बाथरूम जाने के लिए भी मशक्कत करनी पड़ी। इस अमानवीय स्थिति के लिए विपक्ष ने मोदी सरकार की आलोचना की। 

अमेरिका से अवैध भारतीय प्रवासियों के निर्वासन के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में गुरुवार को हंगामा हुआ। लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों को दोपहर तक के लिए स्थगित करना पड़ा था।

पीएम ने कहा, 'इस देश ने इमरजेंसी का दौर भी देखा है। संविधान को किस प्रकार कुचला गया, संविधान की स्पिरिट को सत्ता सुख के लिए किस प्रकार रौंदा गया था, ये देश जानता है। इमरजेंसी में प्रसिद्ध सिनेमा कलाकार देव आनंद जी से कहा गया कि वे सार्वजनिक रूप से इमरजेंसी का समर्थन करें। लेकिन देव आनंद जी ने इसके लिए इंकार कर दिया। इसलिए दूरदर्शन पर देव आनंद जी की सभी फिल्मों को प्रतिबंधित कर दिया गया।' 

पीएम ने कहा, "कांग्रेस के मुंह से संविधान शब्द शोभा नहीं देता। सत्ता सुख के लिए, शाही परिवार के अहंकार के लिए देश के लाखों परिवारों को तबाह कर दिया गया था, देश को जेलखाना बना दिया गया था। बहुत लंबा संघर्ष चला। आख़िर में अपने आप को बहुत बड़ा 'तीस मार खां' मानने वालों को जनता जनार्दन की ताकत स्वीकारनी पड़ी, घुटने टेकने पड़े और जनता जनार्दन के सामर्थ्य से देश से इमरजेंसी हटी।"

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'सबका विकास' पर कांग्रेस का भरोसा नहीं: पीएम

प्रधानमंत्री मोदी ने फिर से कांग्रेस पर परिवारवादी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने संसद में कहा कि कांग्रेस ने तुष्टीकरण की राजनीति की और उससे 'सबका साथ, सबका विकास' की उम्मीद नहीं की जा सकती है। पीएम ने इस बात पर जोर दिया कि बीजेपी का विकास मॉडल 'राष्ट्र प्रथम' है, जबकि कांग्रेस के लिए यह 'परिवार प्रथम' है।

प्रधानमंत्री ने कहा, "बाबा साहेब को कभी भी भारत रत्न के योग्य नहीं समझा गया। इस देश के लोगों ने, सर्व-समाज ने बाबा साहेब की भावना का आदर किया। तब आज कांग्रेस को मजबूरन 'जय भीम' बोलना पड़ रहा है।" पीएम ने कहा, 'बाबा साहेब आंबेडकर से कांग्रेस को कितनी नफ़रत थी, उनके प्रति कांग्रेस में इतना ग़ुस्सा था कि उनकी (बाबा साहेब) की हर बात से कांग्रेस चिढ़ जाती थी। इसके सारे दस्तावेज मौजूद हैं। इसी ग़ुस्से के कारण दो-दो बार बाबा साहेब को चुनाव में पराजित करने के लिए क्या कुछ नहीं किया गया।' पीएम मोदी ने आरोप लगाया,

कांग्रेस ने राजनीति का एक ऐसा मॉडल तैयार किया था, जिसमें झूठ, फरेब, भ्रष्टाचार परिवारवाद, तुष्टिकरण आदि का घालमेल था। कांग्रेस के मॉडल में 'फ़ैमिली फ़र्स्ट' ही सर्वोपरि है। इसलिए, उनकी नीति-रीति, वाणी-वर्तन उस एक चीज को संभालने में ही खपता रहा है।


नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

उन्होंने आगे कहा, "कांग्रेस से 'सबका साथ-सबका विकास' की अपेक्षा करना बहुत बड़ी गलती होगी। ये उनकी सोच-समझ के बाहर है और उनके रोडमैप में भी ये शूट नहीं करता। क्योंकि जब इतना बड़ा दल, एक परिवार को समर्पित हो गया है, तो उसके लिए 'सबका साथ-सबका विकास' संभव ही नहीं है।"

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जाति जनगणना की मांग का बिना ज़िक्र किए प्रधानमंत्री ने जातिवाद का जहर फैलाए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'आज जातिवाद का जहर फैलाने का प्रयास हो रहा है। लेकिन तीन दशक तक, दोनों सदनों में सभी दलों के ओबीसी सांसद सरकारों से मांग करते रहे थे कि ओबीसी ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया जाए, लेकिन उनकी मांग को ठुकरा दिया गया। क्योंकि शायद उस समय उनकी (कांग्रेस) राजनीति को ये शूट नहीं करता होगा।'

पहली बार हमारी सरकार ने सबका साथ-सबका विकास के मंत्र की प्रेरणा से सामान्य वर्ग के गरीब को 10% आरक्षण दिया। वो भी बिना किसी तनाव के और किसी से छीने बिना दिया। जब हमने ये निर्णय किया तो एससी-एसटी और ओबीसी समुदाय ने भी इसका स्वागत किया।


नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री ने कहा, 'कांग्रेस के पंजे से मुक्त होकर आज देश चैन की सांस ले रहा है और ऊंची उड़ान भी भर रहा है। कांग्रेस के लाइसेंस राज और उसकी कुनीतियों से बाहर निकलकर हम मेक इन इंडिया को बढ़ावा दे रहे हैं।' उन्होंने आगे कहा, 'आज पूरी दुनिया भारत की आर्थिक क्षमता को पहचानने लगी है, आज दुनिया हमें तेज गति से आगे बढ़ने वाले देश के रूप में देख रही है और हर भारतीय को इस बात का गर्व है। हम अपनी अर्थव्यवस्था का विस्तार कर रहे हैं।' 

पीएम ने कहा, 'जब प्रगति की राह पर देश चल पड़ा है, विकास की नई ऊंचाइयों को देश अर्जित कर रहा है, तब हम सबकी भूमिका बड़ी महत्वपूर्ण है। सरकारों में विरोध होना लोकतंत्र का स्वभाव है, नीतियों का विरोध होना लोकतंत्र की जिम्मेदारी भी है। लेकिन घोर विरोधवाद, घोर निराशावाद और अपनी लकीर लंबी किए बिना दूसरे की लकीर छोटी करने की कोशिशें  विकसित भारत में रुकावट बन सकती है। हमें उससे मुक्त होना होगा, हमें आत्ममंथन करना होगा और निरंतर मंथन करना होगा।'

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क़मर वहीद नक़वी
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