प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति की बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक तब हो रही है जब यूक्रेन पर रूस के हमले से पैदा हुई स्थिति और वहां फँसे भारतीयों को वापस लाने की मांग उठ रही है। इसी बीच आज भारत में यूक्रेन के राजदूत ने भारत से हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई है।
आज की सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति की बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और कई शीर्ष स्तरीय अधिकारी शामिल हुए।
इससे पहले मीडिया में रिपोर्ट आई थी कि यूक्रेन संकट और इससे भारत पर पड़ने वाले असर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। एक सरकारी सूत्र ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया था कि रूस-यूक्रेन संकट के आर्थिक प्रभाव और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के प्रभाव को कम करने के तरीक़ों पर चर्चा की जाएगी। निर्मला सीतारमण ने भी कहा था कि वह रूस-यूक्रेन संघर्ष से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा करने के लिए पीएम मोदी से मुलाक़ात करेंगी। यह पूछे जाने पर कि क्या रूस-यूक्रेन मुद्दे पर प्रधानमंत्री के साथ बैठक होगी, उन्होंने कहा था, निश्चित रूप से।
हालाँकि, बैठक सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति की हुई। इस बैठक में चर्चा किन-किन मुद्दों की हुई इसके बारे में ज़्यादा जानकारी सामने नहीं आ पाई है। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया है।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा विशेष सैन्य अभियान की घोषणा किए जाने के बाद रूसी सेना यूक्रेन की सीमा में दाखिल हुई और उसके कई शहरों में मिसाइलें दागीं।
अमेरिका के शेयर बाज़ार डाउ जोन्स, नैस्डैक, एस&पी 500, हांगकांग के हैंगसैंग, चीन के शंघाई, जापान के निक्केई, ब्राज़ील का बोवेस्पा स्टॉक एक्सचेंज सभी लाल निशान में रहे। यूक्रेन में रूसी हमले के साथ ही 2014 के बाद पहली बार ब्रेंट ऑयल 100 डॉलर प्रति बैरल से ज़्यादा हो गया। कहा जा रहा है कि यूक्रेन संकट से भारत के सामानों का निर्यात प्रभावित होगा। रूस भारत का 25वां सबसे बड़ा आयातक देश है। यूक्रेन भी भारत से अच्छा खासा आयात करता है।
बता दें कि यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने कहा कि भारतीय नागरिकों को लेने के लिए कीव जाने वाली विशेष उड़ानें रद्द कर दी गईं क्योंकि यूक्रेन का हवाई क्षेत्र बंद था। भारत अब एयर इंडिया की उड़ान के वापस आने के बाद बंद यूक्रेनी हवाई क्षेत्र से अपने नागरिकों को निकालने के लिए वैकल्पिक मार्गों की तलाश कर रहा है। आकस्मिक योजनाओं पर काम करने और वैकल्पिक निकासी मार्ग खोजने के लिए विदेश मंत्रालय में उच्च स्तरीय बैठकें हो रही हैं।
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