सीमा पर सैनिक साजो-सामान
सैनिक साजो सामान के एकत्रित करने की जानकारी स्वयं चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का मुखपत्र ग्लबोल टाइम्स देता है। इसके अनुसार, पीपल्स लिबरेशन आर्मी ने बमबर्षक विमान, लड़ाकू विमान, एअर डिफेन्स प्रणाली, बख़्तरबंद गाड़ियाँ, तोप और बंदूकें तैनात कर रखी हैं। पैरट्रूपर्स और स्पेशल फ़ोर्स को भी तैनात कर दिया गया है।चीन की तैयारी
चीन के मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि उत्तर पश्चिम के रेगिस्तान में लॉन्ग डिस्टैंस मैनूवर्स और लाइव ड्रिल किया गया है। इसी तरह तिब्बत स्वायत्तशासी क्षेत्र में भी अभ्यास किया गया है।ग्लोबल टाइम्स लिखता है, 'टैंक को नष्ट करने वाली एचजे-10 मिसाइलों को पूर्वी चीन के जियांगसू प्रांत से लगभग एक हज़ार किलोमीटर दूर उत्तर पश्चिम के गोबी रेगिस्तान तक युद्ध अभ्यास के लिए ले जाया गया।'
युद्ध अभ्यास
दूसरी ओर चीन सरकार से नियंत्रित सेंट्रल चाइना टेलीविज़न ने कहा है कि '4,500 किलोमीटर की ऊँचाई पर तिब्बत मिलिटरी कमांड ने भी युद्ध अभ्यास किया है।'सीसीटीवी का यह भी कहना है कि 'पैराट्रूपर्स और भारी हथियारों वाली ईकाइयों ने उत्तर पश्चिम चीन में परिवहन विमान से कैप्चर और कंट्रल युद्ध अभ्यास किए।'
मीडिया लड़ रहा है युद्ध?
लेकिन बात सिर्फ सैनिक साजो सामान को एकत्रित करना और युद्ध अभ्यास करने तक ही सीमित नहीं है। चीनी मीडिया भी युद्ध लड़ रहा है। वह अपने देश में युद्ध उन्माद फैला रहा है, भारत के ख़िलाफ़ एकतरफा बातें कह रहा है और भारत को धमकी भी दे रहा है।The PLA on Wed released a video of Tibet military command’s live-fire drill on the plateau. PLA also conducted a drill of airborne troops. Yes, these are all aimed at the situation on China-India border. The Indian army will either stop provoking or be prepared to be defeated. pic.twitter.com/124h0ccu8h
— Hu Xijin 胡锡进 (@HuXijin_GT) September 9, 2020
ड्रोन स्वॉर्म टेक्नोलॉजी
ग्लोबल टाइम्स ने एक दूसरी ख़बर में विस्तार से बताया है कि किस तरह बख़्तरबंद गाड़ियों और ड्रोन को एक सूत्र में पिरो कर ख़ास किस्म की युद्ध प्रणाली विकिसत की गई है। इसके तहत ड्रोन से निगरानी कर हमले से पूर्व पूरी जानकारी ली जाती है और उसके बाद उसके अनुसार ही बख़्तरबंद गाड़ियाँ हमला करती हैं।युद्ध की तैयारी-बातचीत साथ-साथ
चीन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता और दूसरे लोग भारत से बेहतर रिश्ते कायम करने की बात करते हैं और इसके साथ ही वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास सैनिक जमावड़ा भी कर रहे हैं।क्या चीन भारत पर दबाव डालने और इस बातचीत को प्रभावित करने के लिए ठीक उसी समय इस तरह की तैयारियां कर रहा है और भारत को धमका रहा है? या चीन सिर्फ दिखावे के लिए बातचीत कर रहा है, उस बातचीत का कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकलने को है?
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