पेट्रोल, डीजल पर वैट घटाने की सलाह पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को तमिलनाडु के वित्त मंत्री पलानीवेल त्यागराजन ने काफी खरीखोटी सुनाई है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री राज्यों को उकसाए नहीं। हमें उन लोगों से किसी सलाह की जरूरत नहीं है जो खुद इतना खराब प्रदर्शन (गवर्वेंस) कर रहे हैं। एनडीटीवी को दिए गए एक इंटरव्यू में तमिलनाडु के इस मंत्री ने एक्साइज ड्यूटी पर निर्मला सीतारमण के पूरे भाषण को एक पाखंड बताया है।
तमिलनाडु के वित्त मंत्री पलानीवेल त्यागराजन ने कहा कि तमिलनाडु ने भारत में किसी भी सरकार के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन किया है। हमारे सरकारी आंकड़े देखे जा सकते हैं। तमिलनाडु राजस्व घाटे को ₹ 60,000 से घटाकर ₹ 40,000 करोड़ के करीब ले लाया। हमारा राजकोषीय घाटा केंद्र सरकार का आधा है। राष्ट्रीय औसत के हिसाब से हमारी प्रति व्यक्ति आय दोगुनी है। हमारी महंगाई दर केवल 5 फीसदी है जबकि राष्ट्रीय महंगाई दर 8 फीसदी है। हम जानते हैं कि हम क्या कर रहे हैं। हमें कोई यह नहीं बताए कि हमें क्या करना है। हमें उन लोगों से डिक्टेशन लेने की जरूरत नहीं है जो हमसे खराब प्रदर्शन करते हैं। वो लोग हमें उन चीजों को करने के लिए मजबूर करते हैं जो हम नहीं करना चाहते हैं।
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उन्होंने कहा कि हम उनसे (केंद्र) कहीं भी 'अनुरोध' शब्द का इस्तेमाल करते हुए याद नहीं करते। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी मांग रखी और फिर 'प्रोत्साहन' शब्द का भी इस्तेमाल किया। मुझे नहीं लगता कि संविधान ऐसी अनुमति देता है। राज्यों को अपना वित्त प्रबंधन खुद संभालने की अनुमति हमारा संविधान देता है। जब केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई और वह भी शुद्ध एक्साइज ड्यूटी से सेस (उपकर) और सरचार्ज (अधिभार) में ट्रांसफर कर दिया। पेट्रोल पर तीन गुणा और डीजल पर 10 गुणा बढ़ाया। उन्होंने इस पर राज्यों से सलाह तक भी नहीं की। उन्होंने हमें दिए गए हिस्से में कटौती की। उस समय तो उन्होंने कोई रहम हमारे ऊपर नहीं किया। उन्होंने जरा भी नहीं सोचा। केंद्र की सात-आठ साल से खराब टैक्स नीति है। अब जब यह नीति उल्टे गले पड़ गई तो हमें नकली खलनायक बनाया जा रहा है। यह अत्याचार है। यह बेशर्म पाखंड है।
केंद्रीय एक्साइज ड्यूटी पर डिटेल देते हुए तमिलनाडु के वित्त मंत्री ने कहा कि यह ₹9.4 से बढ़कर ₹32.5 हो गया। फिर दरियादिली दिखाते हुए उन्होंने इसमें से ₹5 एक बार और ₹8 एक बार काटा। आपने ₹13 ले लिया, लेकिन बढ़ी हुई एक्साइज तो अभी भी ₹19 है। यह अभी भी उस दर से दोगुणी है जिस पर इस सरकार के सत्ता में आने पर टैक्स लगाया जा रहा था। डीजल पर यह टैक्स ₹ 3.4 या कुछ और था, वो इसे ₹ 32 तक ले गए, फिर उन्होंने इसमें से ₹ 10 और ₹ 8 या 6 रुपये की कटौती कर दी। लेकिन हकीकत में वो टैक्स अभी भी चार या पांच गुणा है।
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डीएमके नेता का यह बयान दो दिन बाद आया है जब निर्मला सीतारमण ने बढ़ती महंगाई के बीच उपभोक्ताओं को बढ़ती कीमतों से बचाने के लिए फ्यूल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती और महत्वपूर्ण वस्तुओं पर लेवी में बदलाव की घोषणा की। निर्मला ने राज्यों से इसमें शामिल होने और अपना हिस्सा कम करने को भी कहा था। तमिलनाडु के वित्त मंत्री ने उसी का जवाब दिया है। अन्य विपक्ष शासित राज्यों ने भी यही एतराज जताया है कि केंद्र सरकार हमारे हिस्से में क्यों कटौती कर रही है और हमसे और कटौती करने को क्यों कह रही है, जबकि उसने खुद बेतहाशा एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई थी। आज भी फ्यूल की जो कीमतें कम होकर हैं, वो मार्च महीने के स्तर पर हैं।
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